गिला शिकवा Hindi Shayari

  • इज़ाज़त हो तो लिफाफे में रखकर थोड़ा वक़्त भेज दूँ;<br/>
सुना है कुछ लोगों को फुर्सत नहीं अपनों से बात करने की!Upload to Facebook
    इज़ाज़त हो तो लिफाफे में रखकर थोड़ा वक़्त भेज दूँ;
    सुना है कुछ लोगों को फुर्सत नहीं अपनों से बात करने की!
  • चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा;<br/>
कुछ हक़ दिए नहीं लिए जाते हैं!Upload to Facebook
    चाहो तो तुम भी हाल पूछ सकते हो हमारा;
    कुछ हक़ दिए नहीं लिए जाते हैं!
  • साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;<br/>
जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!Upload to Facebook
    साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;
    जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!
    ~ Jameeluddin Aali
  • मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला;<br/>
पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।Upload to Facebook
    मिलने को तो हर शख्स एहतराम से मिला;
    पर जो मिला किसी न किसी काम से मिला।
  • कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,<br/>
चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है;<br/>
माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,<br/>
पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।Upload to Facebook
    कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
    चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है;
    माना नहीं है मखमल का बिछौना मेरे पास,
    पर तू ये बता कितनी रातें चैन से सोया है।
  • तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,<br/>
तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी;<br/>
क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,<br/>
जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।Upload to Facebook
    तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी,
    तुम्हारे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी;
    क्या कहे क्या गुजरेगी इस दिल पर,
    जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी।
  • घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे;<br/>
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!Upload to Facebook
    घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे;
    बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला!
    ~ Bashir Badr
  • अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के;<br/>
उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।Upload to Facebook
    अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के;
    उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।
  • उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन;<br/>
कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है।Upload to Facebook
    उससे खफा होकर भी देखेंगे एक दिन;
    कि उसके मनाने का अंदाज़ कैसा है।
  • वो मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं;<br/>
काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।Upload to Facebook
    वो मेरा सब कुछ है पर मुक़द्दर नहीं;
    काश वो मेरा कुछ न होता पर मुक़द्दर होता।