गिला शिकवा Hindi Shayari

  • ताल्लुक़ टूट कर बाद में जो कुछ भी रह गये;<br/>
मगर मोहब्बत में वो पहला मुस्कुराना हमेशा याद आता है!Upload to Facebook
    ताल्लुक़ टूट कर बाद में जो कुछ भी रह गये;
    मगर मोहब्बत में वो पहला मुस्कुराना हमेशा याद आता है!
  • क्यों तुझे पाने के लिये मिन्नते करूँ;<br/>
मुझे तुझसे मोहब्बत है कोई मतलब तो नहीं!
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    क्यों तुझे पाने के लिये मिन्नते करूँ;
    मुझे तुझसे मोहब्बत है कोई मतलब तो नहीं!
  • मुझे खामोश़ देख कर इतना क्यों हैरान होते हो ऐ दोस्तो;<br/>
कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा करके धोखा खाया है!Upload to Facebook
    मुझे खामोश़ देख कर इतना क्यों हैरान होते हो ऐ दोस्तो;
    कुछ नहीं हुआ है बस भरोसा करके धोखा खाया है!
  • लाख समझाया उसे ना मिला करो गैरों से;<br/>
वो हस कर कहने लगे तुम भी तो पहले गैर थे!Upload to Facebook
    लाख समझाया उसे ना मिला करो गैरों से;
    वो हस कर कहने लगे तुम भी तो पहले गैर थे!
  • तन्हाई की यह कुछ ऐसी अजब रात है;<br/>
तुझसे जुडी हुई हर याद मेरे साथ है;<br/>
तड़प रहा है तनहा चाँद बिना चांदनी के;<br/>
इस अंधेरी रात में आज कुछ और बात है!Upload to Facebook
    तन्हाई की यह कुछ ऐसी अजब रात है;
    तुझसे जुडी हुई हर याद मेरे साथ है;
    तड़प रहा है तनहा चाँद बिना चांदनी के;
    इस अंधेरी रात में आज कुछ और बात है!
  • मोहब्बत की तलाश में निकले हो तुम अरे ओ पागल;
    मोहब्बत खुद तलाश करती है जिसे बर्बाद करना हो!
  • जब गिला शिकवा अपनों से हो तो खामोशी ही भली;
    अब हर बात पे जंग हो यह जरूरी तो नहीं!
  • बहुत मशरूफ हो शायद, जो हम को भूल बैठे हो;<br/>
न ये पूछा कहाँ पे हो, न यह जाना कि कैसे हो!Upload to Facebook
    बहुत मशरूफ हो शायद, जो हम को भूल बैठे हो;
    न ये पूछा कहाँ पे हो, न यह जाना कि कैसे हो!
  • क्यों तुझे पाने के लिये मिन्नते करूँ;
    मुझे तुझसे मोहब्बत है कोइ मतलब तो नहीं!
  • परखो तो कोई अपना नहीं;
    समझो तो कोई पराया नहीं!