गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मेरी हस्ती को तुम क्या पहचानोगे,
    हजारों मशहूर हो गए मुझे बदनाम करते करते।
  • दाम अक्सर ऊंचे होते हैं ख़्वाहिशों के;<br/>
मगर खुशियां हरगिज़ महंगी नहीं होती!Upload to Facebook
    दाम अक्सर ऊंचे होते हैं ख़्वाहिशों के;
    मगर खुशियां हरगिज़ महंगी नहीं होती!
  • उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आज कल;<br/>
आप ये न समझना के अब वो लगाव नहीं रहा!Upload to Facebook
    उलझे हुए हैं अपनी उलझनों मे आज कल;
    आप ये न समझना के अब वो लगाव नहीं रहा!
  • सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना;
    कहीं कोई थक ना जाए तुम्हें एहसास दिलाते-दिलाते!
  • क्यों शर्मिंदा करते हो रोज़ हाल पूछकर;
    हाल हमारा वही है जो तुमने बना रखा है!
  • मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की;<br/>
हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे!Upload to Facebook
    मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की;
    हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे!
  • मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था;<br/>
उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे!Upload to Facebook
    मोहब्बत थी, तो चाँद अच्छा था;
    उतर गई, तो दाग भी दिखने लगे!
  • मेरा झुकना, और तेरा खुदा हो जाना;<br/>
यार, अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना! Upload to Facebook
    मेरा झुकना, और तेरा खुदा हो जाना;
    यार, अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना!
  • गिला शिकवा तो बस साँसें चलने तक होता है;
    बाद में तो आँख में आँसू और दिल में पछतावा रह जाता है!
  • दुनिया भी कितनी अजीब जगह है;<br/>
जब चलना नही आता था, तब कोई गिरने नही देता था;<br/>
और जबसे चलना सिखा है, कदम कदम पर लोग गिराना चाहते है!Upload to Facebook
    दुनिया भी कितनी अजीब जगह है;
    जब चलना नही आता था, तब कोई गिरने नही देता था;
    और जबसे चलना सिखा है, कदम कदम पर लोग गिराना चाहते है!