सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे; जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की; प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ; रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की! |
प्यार वो हम को बेपनाह कर गये; फिर ज़िंदगी में हम को तन्हा कर गये; चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की; पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये! |
दिल को इसी फ़रेब में रखा है उम्र भर; इस इम्तिहां के बाद कोई इम्तिहां नहीं! |
कुछ गैर ऐसे मिले, जो मुझे अपना बना गए; कुछ अपने ऐसे निकले, जो गैर का मतलब बता गए! |
अगर हमारी उल्फतों से तंग आ जाओ तो बता देना; हमें नफरत तो गवारा है मगर दिखावे की मोहब्बत नहीं! |
तकलीफें तो हज़ारों हैं इस ज़माने में; बस कोई अपना नज़र अंदाज़ करे तो बर्दाश्त नहीं होता! |
हम तो नर्म पत्तों की, शाख हुआ करते थे; छीले इतने गये कि, खंजर हो गये! |
उनकी अपनी मरजी हो, तो वो हमसे बात करते है; और हमारा पागलपन देखो क़ि सारा दिन उनकी मरजी का इंतजार करते है! |
बड़ा फर्क है, तेरी और मेरी मोहब्बत में; आप परखते रहे, और हमने ज़िंदगी यकीन में गुजार दी! |
वो पहले सा कहीं, मुझको कोई मंज़र नहीं लगता; यहाँ लोगों को देखो, अब ख़ुदा का डर नहीं लगता! |