गिला शिकवा Hindi Shayari

  • झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में;<br/>
सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।Upload to Facebook
    झूठ बोलने का रियाज़ करता हूँ, सुबह और शाम में;
    सच बोलने की अदा ने हमसे कई अज़ीज़ छीन लिए।
  • इश्क़ को भी इश्क़ हो तो फिर देखूं मैं इश्क़ को भी,<br/>
कैसे तड़पे, कैसे रोये, इश्क़ अपने इश्क़ में।Upload to Facebook
    इश्क़ को भी इश्क़ हो तो फिर देखूं मैं इश्क़ को भी,
    कैसे तड़पे, कैसे रोये, इश्क़ अपने इश्क़ में।
  • नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,<br/>
पता नहीं कहाँ से सीखी जालिम ने अदायें रूठ जाने की।Upload to Facebook
    नाकाम थीं मेरी सब कोशिशें उस को मनाने की,
    पता नहीं कहाँ से सीखी जालिम ने अदायें रूठ जाने की।
  • था जहाँ कहना वहां कह न पाये उम्र भर,<br/>
कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेज़ुबानी ही तो है।Upload to Facebook
    था जहाँ कहना वहां कह न पाये उम्र भर,
    कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेज़ुबानी ही तो है।
  • उम्र ने तलाशी ली तो जेबों से लम्हे बरामद हुए,<br/>
कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे।Upload to Facebook
    उम्र ने तलाशी ली तो जेबों से लम्हे बरामद हुए,
    कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे।
  • दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं,<br/>
देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन।Upload to Facebook
    दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैं,
    देखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन।
    ~ Parveen Shakir
  • इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत,<br/>
आँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही था।Upload to Facebook
    इसे इत्तेफाक समझो या दर्द भरी हकीकत,
    आँख जब भी नम हुई वजह कोई अपना ही था।
  • नही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिना,<br/>
वक़्त गुज़र ही जाता है, कुछ खोकर भी कुछ पाकर भी।Upload to Facebook
    नही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिना,
    वक़्त गुज़र ही जाता है, कुछ खोकर भी कुछ पाकर भी।
  • वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,<br/>
आदत इस की भी आदमी सी है।Upload to Facebook
    वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
    आदत इस की भी आदमी सी है।
    ~ Gulzar
  • यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं,<br/>
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे।Upload to Facebook
    यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं,
    मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे।
    ~ Bashir Badr