दर्द Hindi Shayari

  • ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर,<br/>
आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो;<br/>
कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा,<br/>
आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो!Upload to Facebook
    ग़म के दरियाओं से मिलकर बना है यह सागर,
    आप क्यों इसमें समाने की कोशिश करते हो;
    कुछ नहीं है और इस जीवन में दर्द के सिवा,
    आप क्यों इस ज़िंदगी में आने की कोशिश करते हो!
  • दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है,<br/>
टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है;<br/>
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,<br/>
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है!Upload to Facebook
    दिल के दर्द छुपाना बड़ा मुश्किल है,
    टूट कर फिर मुस्कुराना बड़ा मुश्किल है;
    किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,
    अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है!
  • डुब कर सुरज ने मुझे और भी तन्हा कर दिया;<br/>
मेरा साया भी अलग हो गया मेरे अपनो की तरह!Upload to Facebook
    डुब कर सुरज ने मुझे और भी तन्हा कर दिया;
    मेरा साया भी अलग हो गया मेरे अपनो की तरह!
  • कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी; <br/>
सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी! Upload to Facebook
    कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी;
    सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी!
  • है कितना बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्त के लिए;<br/>
दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में!Upload to Facebook
    है कितना बदनसीब 'ज़फ़र' दफ़्त के लिए;
    दो गज़ ज़मीन भी न मिली कू-ए-यार में!
    ~ Bahadur Shah Zafar
  • अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें;<br/>
तो ज़ख्म भी चीख उठा लो यहां भी अपने मौजूद हैं!Upload to Facebook
    अजनबी शहर में जब पीछे से पत्थर लगा हमें;
    तो ज़ख्म भी चीख उठा लो यहां भी अपने मौजूद हैं!
  • अगर सलीके से तोड़ते तुम मुझे;<br/>
मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते!Upload to Facebook
    अगर सलीके से तोड़ते तुम मुझे;
    मेरे टुकड़े भी तुम्हारे काम आते!
  • चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है; <br/>
हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है! Upload to Facebook
    चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है;
    हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है!
    ~ Hasrat Mohani
  • हम अपना दर्द किसी को कहते नही,<br/>
वो सोचते हैं कि हम तन्हाई सहते नहीं;<br/>
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,<br/>
क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं।Upload to Facebook
    हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
    वो सोचते हैं कि हम तन्हाई सहते नहीं;
    आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
    क्योंकि सूखे हुए दरिया कभी बहते नहीं।
  • आलम ए बेक़रारी बता रहे हो;<br/>
जाने क्या बात हुई कभी मोहब्बत तो कभी ख़ुशी लुटा रहे हो!Upload to Facebook
    आलम ए बेक़रारी बता रहे हो;
    जाने क्या बात हुई कभी मोहब्बत तो कभी ख़ुशी लुटा रहे हो!