मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है; अब आप की ख़ुशी इसे काँटों में तौलिए! |
एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी; एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया! |
मैं एक संजीदा साहिल हूँ, मुझे मौजों से क्या मतलब, कई तूफ़ान आये पर, मेरी फितरत नहीं बदली! |
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया, खाली ही सही होठों तक जाम तो आया; मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने, यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया! |
हर किसी के नसीब में कहाँ लिखी होती हैं चाहतें, कुछ लोग दुनिया में आते हैं सिर्फ तन्हाइयों के लिए! |
कौन कहता है कि मुसाफिर ज़ख्मी नही होते, रास्ते गवाह है, बस कमबख्त गवाही नही देते। |
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता, रोता है दिल जब वो पास नहीं होता; बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में, और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता! |
हमने मोहब्बत के नशे में आकर उसे खुदा बना डाला; होश तब आया जब उसने कहा खुदा किसी एक का नहीं होता। |
आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए; वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है! |
आ ही गया वो मुझ को लहद में उतारने; ग़फ़लत ज़रा न की मिरे ग़फ़लत-शिआर ने! |