दर्द Hindi Shayari

  • न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है,<br/>
के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!Upload to Facebook
    न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है,
    के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया!
    ~ Parveen Shakir
  • कदम-कदम पे नया इम्तहान रखती है;<br/>
जिंदगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है!Upload to Facebook
    कदम-कदम पे नया इम्तहान रखती है;
    जिंदगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है!
  • आज पी लेने दे साक़ी मुझे जी लेने दे;<br/>
कल मिरी रात ख़ुदा जाने कहाँ गुज़रेगी!Upload to Facebook
    आज पी लेने दे साक़ी मुझे जी लेने दे;
    कल मिरी रात ख़ुदा जाने कहाँ गुज़रेगी!
    ~ Wasim Barelvi
  • बारिश की तरह कोई बरसता रहे मुझ पर;<br/>
मिट्टी की तरह मैं भी महकती चली जाऊंगी!Upload to Facebook
    बारिश की तरह कोई बरसता रहे मुझ पर;
    मिट्टी की तरह मैं भी महकती चली जाऊंगी!
  • अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;<br/>
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!Upload to Facebook
    अच्छा है दिल के साथ रहे पासबान-ए-अक़्ल;
    लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे!
    ~ Allama Iqbal
  • पतझड़ की कहानियाँ सुना सुना के उदास ना कर,<br/>
नए मौसमों का पता बता, जो गुज़र गया सो गुज़र गया!Upload to Facebook
    पतझड़ की कहानियाँ सुना सुना के उदास ना कर,
    नए मौसमों का पता बता, जो गुज़र गया सो गुज़र गया!
    ~ Bashir Badr
  • कुछ इस तरह अपने दिल को बेवकूफ बनाता हूँ मैं;<br/>
कि तुमसे बिछड़ते वक़्त भी खुल के मुस्कुराता हूँ मैं।Upload to Facebook
    कुछ इस तरह अपने दिल को बेवकूफ बनाता हूँ मैं;
    कि तुमसे बिछड़ते वक़्त भी खुल के मुस्कुराता हूँ मैं।
  • पानी पानी कर गयी मुझको कलंदर की वो बात;<br/>
तू झुका जो ग़ैर के आगे न तन तेरा न मन तेरा!Upload to Facebook
    पानी पानी कर गयी मुझको कलंदर की वो बात;
    तू झुका जो ग़ैर के आगे न तन तेरा न मन तेरा!
    ~ Allama Iqbal
  • ऐसा नहीं देखा कहीं हाल किसी और का;<br/>
पहलू में कोई और ख्याल और किसी का!Upload to Facebook
    ऐसा नहीं देखा कहीं हाल किसी और का;
    पहलू में कोई और ख्याल और किसी का!
  • मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब;<br/>
यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी!
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    मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब;
    यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी!
    ~ Mirza Ghalib