अजल को दोष दें, तकदीर को रोयें, मुझे कोसें; मेरे कातिल का चर्चा क्यों है मेरे सोगवारों में। 1. अजल - मृत्यु 2. सोगवारों - शोक करने वालों |
कुछ दर्द होना ही चाहिए, जिंदगी मे जनाब; ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है। |
सौ बार मरना चाहा निगाहों में डूब कर 'फ़राज़'; वो निगाह झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते। |
न कुछ फ़ना की ख़बर है न है बक़ा मालूम; बस एक बे-ख़बरी है सो वो भी क्या मालूम! Meaning: फना - मृत्यु, विनाश बका - अमरता, स्थायित्व |
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया; इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते! |
सब्र रखते हैं, बड़े ही सब्र से हम; वरना ज़िंदगी जीना कोई आसान तो नहीं! |
जब बेअसर से लगने लगें मन्नतों के धागे; समझ लो अभी और बाकी है इम्तिहान इसके आगे! |
रूतबा ही अलग होता है उन आँखों का जिनके पास उनकी मोहब्बत होती है; वरना कुछ क़तरे ही काफी होते हैं हमेशा किसी नज़र की वीरानी बता जाने को। |
ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की; मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था, तो मोहब्बत कैसे ना होती! |
दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया; सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती। |