दर्द Hindi Shayari

  • अजल को दोष दें, तकदीर को रोयें, मुझे कोसें;<br/>
मेरे कातिल का चर्चा क्यों है मेरे सोगवारों में।<br/><br/>

1. अजल - मृत्यु<br/>
2. सोगवारों - शोक करने वालोंUpload to Facebook
    अजल को दोष दें, तकदीर को रोयें, मुझे कोसें;
    मेरे कातिल का चर्चा क्यों है मेरे सोगवारों में।

    1. अजल - मृत्यु
    2. सोगवारों - शोक करने वालों
    ~ Daagh Dehlvi
  • कुछ दर्द होना ही चाहिए, जिंदगी मे जनाब;<br/>
ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है।Upload to Facebook
    कुछ दर्द होना ही चाहिए, जिंदगी मे जनाब;
    ज़िंदा होने का अनुमान बना रहता है।
  • सौ बार मरना चाहा निगाहों में डूब कर 'फ़राज़';<br/>
वो निगाह झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते।Upload to Facebook
    सौ बार मरना चाहा निगाहों में डूब कर 'फ़राज़';
    वो निगाह झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते।
    ~ Ahmad Faraz
  • न कुछ फ़ना की ख़बर है न है बक़ा मालूम;<br/>
बस एक बे-ख़बरी है सो वो भी क्या मालूम!<br/><br/>
Meaning:<br/>
फना  -  मृत्यु, विनाश<br/>
बका  -  अमरता, स्थायित्वUpload to Facebook
    न कुछ फ़ना की ख़बर है न है बक़ा मालूम;
    बस एक बे-ख़बरी है सो वो भी क्या मालूम!

    Meaning:
    फना - मृत्यु, विनाश
    बका - अमरता, स्थायित्व
    ~ Asghar Gondvi
  • झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया;<br/>
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते!Upload to Facebook
    झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया;
    इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते!
  • सब्र रखते हैं, बड़े ही सब्र से हम;<br/>
वरना ज़िंदगी जीना कोई आसान तो नहीं!Upload to Facebook
    सब्र रखते हैं, बड़े ही सब्र से हम;
    वरना ज़िंदगी जीना कोई आसान तो नहीं!
  • जब बेअसर से लगने लगें मन्नतों के धागे;<br/>
समझ लो अभी और बाकी है इम्तिहान इसके आगे!Upload to Facebook
    जब बेअसर से लगने लगें मन्नतों के धागे;
    समझ लो अभी और बाकी है इम्तिहान इसके आगे!
  • रूतबा ही अलग होता है उन आँखों का जिनके पास उनकी मोहब्बत होती है;<br/>
वरना कुछ क़तरे ही काफी होते हैं हमेशा किसी नज़र की वीरानी बता जाने को।Upload to Facebook
    रूतबा ही अलग होता है उन आँखों का जिनके पास उनकी मोहब्बत होती है;
    वरना कुछ क़तरे ही काफी होते हैं हमेशा किसी नज़र की वीरानी बता जाने को।
  • ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की;<br/>
मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था, तो मोहब्बत कैसे ना होती!Upload to Facebook
    ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की;
    मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था, तो मोहब्बत कैसे ना होती!
  • दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया;<br/>
सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती।Upload to Facebook
    दर्द को मुस्कुराकर सहना क्या सीख लिया;
    सब ने सोच लिया मुझे तकलीफ़ नहीं होती।