तन्हा हुए तो एहसास हुआ, कि कई घंटे होते है एक दिन में। |
छुपाने लगा हूँ आजकल कुछ राज अपने आप से; सुना है कुछ लोग मुझको मुझसे ज्यादा जानने लगे हैं। |
वो मुस्कान थी, कहीं खो गयी; और मैं जज्बात था कहीं बिखर गया। |
तू हवा के रुख पे चाहतों का दिया जलाने की ज़िद न कर; ये क़ातिलों का शहर है यहाँ तू मुस्कुराने की ज़िद न कर। |
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते, हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते हैं। |
लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैं; कभी सूखा किनारा रहा होता एक सजदा सहारा रहा होता। |
हजारों हैं मेरे अल्फाज के दीवाने; मेरी खामोशी सुनने वाला कोई होता तो क्या बात थी। |
बूँद बूँद टपकती हैं तेरी ज़ुल्फ़ों से बारिशें; क़तरा क़तरा गिरती हैं मेरे छलनी दिल से ख़्वाहिशें। |
ख्यालों में तेरी तस्वीर रख कर चूम लेता हूँ, हथेली पर तुम्हारा नाम लिख कर चूम लेता हूँ; तुम्हारे आँख के आँसू जो मुझ को याद आते हैं, तो मैं चुपके से खुद आँसू बहाकर चूम लेता हूँ। |
तकलीफ़ मिट गयी मगर एहसास रह गया; ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया। |