तेरे इश्क की दुनिया में हर कोई मजबूर है; पल में हँसी पल में आँसू ये चाहत का दस्तूर है; जिसे मिली न मोहब्बत उसके ज़ख्मो का कोई हिसाब नहीं; ये मोहब्बत पाने वाला भी दर्द से कहाँ दूर है। |
टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता; इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता; ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा; कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता। |
तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर; दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ; तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को; जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ। |
छोटी सी ज़िन्दगी में अरमान बहुत थे; हमदर्द कोई न था इंसान बहुत थे; मैं अपना दर्द बताता भी तो किसे बताता; मेरे दिल का हाल जानने वाले अनजान बहुत थे। |
पढ़ तो लिए है मगर अब कैसे फेंक दूँ; खुशबू तुम्हारे हाथों की इन कागज़ों में जो है। |
हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तुजू करें; दिल ही नहीं रहा है कि कुछ आरज़ू करें। |
आवारगी छोड़ दी हमने तो लोग भूलने लगे हैं; वरना शोहरत कदम चूमती थी जब हम बदनाम हुआ करते थे। |
वक़्त बदला और बदली कहानी है; संग मेरे हसीन पलों की यादें पुरानी हैं; ना लगाओ मरहम मेरे ज़ख्मों पर; मेरे पास उनकी बस यही एक बाकी निशानी है। |
लोग बेवजह ढूँढते हैँ खुदखुशी के तरीके हजार; इश्क करके क्यों नहीँ देख लेते वो एक बार। |
तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं; तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं; शामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे; वो जिन्दगी भी किसी जहन्नुम से कम नहीं। |