साथ अगर दोगे मुस्कुराएंगे ज़रूर; प्यार अगर दिल से करोगे तो निभाएंगे ज़रूर; राह में कितने कांटे क्यों न हों; आवाज़ अगर दिल से दोगे तो आएंगे ज़रूर। |
यहाँ कौन रोता है किसी के लिए सब अपनी ही किसी बात पर रोते हैं; इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से बाक़ी सब तो मतलब के यार होते हैं। |
गुनाह करके सजा से डरते हैं; ज़हर पी कर दवा से डरते हैं; दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं हमें; हम तो दोस्तों के ख़फ़ा होने से डरते हैं। |
दिल की बात दिल में दबाना ठीक नहीं, हम तो मान चुके हैं दिल से दोस्त तुम्हें ये राज़ ज्यादा देर तक छुपाना ठीक नहीं। |
ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का; हमने खुद को खुशनसीब पाया; तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की; खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया। |
गुनाह करके सज़ा से डरते है; पी के ज़हर दवा से डरते हैं; दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको; हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते है। |
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे; जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों। |
तेरी दोस्ती में खुद को महफ़ूज मानते है; हम दोस्तों में तुम्हें सबसे अज़ीज मानते है; तेरी दोस्ती के साये में ज़िंदा है; हम तो तुझे खुदा का दिया हुआ तावीज मानते है। |
अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे; फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे; ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे; अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे। |
ज़िंदगी में बार-बार सहारा नही मिलता; बार-बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता; है जो पास उसे संभाल के रखना; खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता। |