पंख लगाकर मेरे ख्वाबों को ले जाओ कहीं दूर; नालायक रात में आते हैं, और सोने भी नहीं देते! |
बेवफा तुम हो तो वफादार हम भी नहीं; बेशर्म तुम हो तो शर्म दार हम भी नहीं; प्यार के इस मोड़ पर आकर कहती हो शादी शुदा हो? तो कुंवारे हम भी नहीं! |
उसूल-ए-वफ़ा: ये मोहब्बत नहीं, उसूल-ए-वफ़ा है; ऐ दोस्त, हम जान तो दे देंगे मगर अपनी जान का नंबर नहीं देंगे! |
सोचता हूँ कंजूसों का एक डिपार्टमेंट बनाऊ; चेयरमैन की कुर्सी पर आपको बिठाऊ; दुनिया से आप को चंदा दिलवाऊ; ताकि आप से कुछ मैसेज्स तो ले पाऊ! |
तुम्हारा हर मैसेज मेरे रोम रोम में गुदगुदी पैदा करता है; जब भी मैं पढता हूं, मेरा दिल जोर से धड़कता है; लेकिन क्या करें, कसूर तुम्हारा नहीं है; यह मोबाइल ही 'वाईबरेशन मोड' पर चलता है! |
देना है ये दिल किसी को दान में, यारो; है कोई मस्त माल ध्यान में, तो बताओ! |
वो भी क्या दिन थे, जब हम हसीनों से गले मिला करते थे; यह उन दिनों कि बात है, जब हम दो साल के हुआ करते थे! |
फ़ोन के रिश्ते भी अजीब होते हैं; बैलेंस रखकर भी लोग गरीब होते हैं; खुद तो मैसेज करते नहीं; मुफ्त के मैसेज पढ़ने के शौक़ीन होते हैं! |
उसने हाथों पर मेहंदी लगा रखी थी; हमने भी अपनी बारात सजा रखी थी; क्यूंकि हमें मालूम था वो बेवफा निकलेगी; इसलिए हमने भी उसकी सहेली पटा रखी थी! |
इतने कमज़ोर हुए तेरी जुदाई में; जर्रा गौर फर्रमाँइए: इतने कमज़ोर हुए तेरी जुदाई में; कि चींटी भी अब खींच ले जाती है 'चारपाई' से! |