हुस्न Hindi Shayari

  • फ़िज़ाओं का मौसम जाने पर, बहारों का मौसम आया;
    गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालों पे आया;
    तेरे नैनों ने काली घटा का काजल लगाया;
    जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया।
  • हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का;<br/>
कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो।Upload to Facebook
    हर बार हम पर इल्ज़ाम लगा देते हो मोहब्बत का;
    कभी खुद से भी पूछा है इतने हसीन क्यों हो।
  • ख़िरद वालों से हुस्न ओ इश्क़ की तन्क़ीद क्या होगी;
    न अफ़्सून-ए-निगह समझा न अंदाज़-ए-नज़र जाना।

    शब्दार्थ:
    अफ़्सून-ए-निगह = नज़र का जादू
    ~ Asrar ul Haq Majaz
  • हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो;<br/>
गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया।Upload to Facebook
    हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो;
    गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया।
  • आज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दो;
    उस ने लोगों बड़ी मुश्किल से इधर देखा है;
    क्या ग़लत है जो मैं दीवाना हुआ, सच कहना;
    मेरे महबूब को तुम ने भी अगर देखा है।
    ~ Majrooh Sultanpuri
  • तरस गए आपके दीदार को,
    फिर भी दिल आप ही को याद करता है;
    हमसे खुशनसीब तो आइना है आपका;
    जो हर रोज़ आपके हुस्न का दीदार करता है।
  • पर्दा-ए-लुत्फ़ में ये ज़ुल्म-ओ-सितम क्या कहिए;
    हाए ज़ालिम तिरा अंदाज़-ए-करम क्या कहिए।
    ~ Firaq Gorakhpuri
  • वो खिलते हुए गुलाब सा है, कि उस का किरदार आब सा है;
    कोई मुस्सवर जो देखे उस को यही कहे लाजवाब सा है;
    हया की ज़िंदा मिसाल है वो, मगर यह कमबख्त पर्दा देखो;
    देखने से रोकता है इस हुस्न को, चेहरे पर यह जो नक़ाब सा है।
  • तुझे पाने की इस लिए ज़िद्द नहीं करते;
    क्योंकि तुझे खोने को दिल नहीं करता;
    तू मिलता है तो इसलिए नहीं देखते तुझको;
    क्योंकि फिर इस हसीं चेहरे से नज़रें हटाने को दिल नहीं करता।
  • हम भटकते रहे थे अनजान राहों में;
    रात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों में;
    अब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमें;
    कुछ तो बात है सनम तेरी इस निगाहों में।