Author Unknown Hindi Shayari

  • बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;</br>
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!Upload to Facebook
    बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर;
    पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर!
    ~ Author Unknown
  • पीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी;</br>
साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी शराब में!</br></br>
*तिश्नगी: प्यासUpload to Facebook
    पीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी;
    साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी शराब में!

    *तिश्नगी: प्यास
    ~ Author Unknown
  • इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह;</br>
बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है!Upload to Facebook
    इस भरोसे पे कर रहा हूँ गुनाह;
    बख़्श देना तो तेरी फ़ितरत है!
    ~ Author Unknown
  • रेत पर नाम लिखते नहीं;<br/>
रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं;<br/>
लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम;<br/>
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।Upload to Facebook
    रेत पर नाम लिखते नहीं;
    रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं;
    लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम;
    लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं।
    ~ Author Unknown
  • लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से;<br/>
इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे।Upload to Facebook
    लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से;
    इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे।
    ~ Author Unknown