ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है; ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है! |
वो क्या मंज़िल जहाँ से रास्ते आगे निकल जाएँ; सो अब फिर एक सफ़र का सिलसिला करना पड़ेगा! |
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ; कभी दुआ नहीं माँगी थी माँ के होते हुए! *लरज़ता: Waver, Shake, Quiver |
तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं; जान बहुत शर्मिंदा हैं! |
मेरे ख़ुदा मुझे इतना तो मोतबर कर दे; मैं जिस मकान में रहता हूँ उस को घर कर दे! |
ख़ुद को बिखरते देखते हैं कुछ कर नहीं पाते हैं; फिर भी लोग ख़ुदाओं जैसी बातें करते हैं! |
वफ़ा की ख़ैर मनाता हूँ बेवफ़ाई में भी: मैं उस की क़ैद में हूँ क़ैद से रिहाई में भी! |
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है; आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!s |
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है; ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!x |
ज़रा सी देर को आये ख्वाब आँखों में; फिर उसके बाद मुसलसल अज़ाब आँखों में; वो जिस के नाम की निस्बत से रौशनी था वजूद; खटक रहा है वही आफताब आँखों में! |