Khumar Barabankvi Hindi Shayari

  • ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को;<br/>
ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं!Upload to Facebook
    ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को;
    ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं!
    ~ Khumar Barabankvi
  • ख़ुदा बचाए तेरी मस्त मस्त आँखों से:<br/>
फ़रिश्ता हो वो भी बहक जाए आदमी क्या है!Upload to Facebook
    ख़ुदा बचाए तेरी मस्त मस्त आँखों से:
    फ़रिश्ता हो वो भी बहक जाए आदमी क्या है!
    ~ Khumar Barabankvi
  • ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही;<br/>
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही!Upload to Facebook
    ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही;
    जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही!
    ~ Khumar Barabankvi
  • वही फिर मुझे याद आने लगे हैं;<br/>
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं!Upload to Facebook
    वही फिर मुझे याद आने लगे हैं;
    जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं!
    ~ Khumar Barabankvi
  • ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न आस;<br/>
सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए!Upload to Facebook
    ग़म है न अब ख़ुशी है न उम्मीद है न आस;
    सब से नजात पाए ज़माने गुज़र गए!
    ~ Khumar Barabankvi
  • भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मु्द्दतों में हम;<br/>
किश्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हम से पूछिये!Upload to Facebook
    भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मु्द्दतों में हम;
    किश्तों में ख़ुदकुशी का मज़ा हम से पूछिये!
    ~ Khumar Barabankvi
  • ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक;<br />
ना लो इंतिक़ाम मुझ से मेरे साथ साथ चल के।Upload to Facebook
    ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक;
    ना लो इंतिक़ाम मुझ से मेरे साथ साथ चल के।
    ~ Khumar Barabankvi
  • जल के आशियाँ अपना ख़ाक हो चुका कब का;<br/>
आज तक ये आलम है रोशनी से डरते है।Upload to Facebook
    जल के आशियाँ अपना ख़ाक हो चुका कब का;
    आज तक ये आलम है रोशनी से डरते है।
    ~ Khumar Barabankvi