अजल भी टल गई देखी गई हालत न आँखों से; शब-ए-ग़म में मुसीबत सी मुसीबत हम ने झेली है! |
हम अपने दिल के मुकामात से हैं बेगाने; इसी में वरना हरम है, इसी में बुतखाने! मुकामात = स्थान, घर; बेगाना = अपरिचित, अनजान; हरम = काबा, खुदा का घर; बुतखाना - मंदिर, मूर्तिगृह |