Shad Azeembadi Hindi Shayari

  • अजल भी टल गई देखी गई हालत न आँखों से;<br/>
शब-ए-ग़म में मुसीबत सी मुसीबत हम ने झेली है!Upload to Facebook
    अजल भी टल गई देखी गई हालत न आँखों से;
    शब-ए-ग़म में मुसीबत सी मुसीबत हम ने झेली है!
    ~ Shad Azeembadi
  • हम अपने दिल के मुकामात से हैं बेगाने;<br/>
इसी में वरना हरम है, इसी में बुतखाने!<br/><br/>

मुकामात = स्थान, घर;<br/>
बेगाना = अपरिचित, अनजान;<br/>
हरम  = काबा, खुदा का घर;<br/>  
बुतखाना - मंदिर, मूर्तिगृहUpload to Facebook
    हम अपने दिल के मुकामात से हैं बेगाने;
    इसी में वरना हरम है, इसी में बुतखाने!

    मुकामात = स्थान, घर;
    बेगाना = अपरिचित, अनजान;
    हरम = काबा, खुदा का घर;
    बुतखाना - मंदिर, मूर्तिगृह
    ~ Shad Azeembadi
  • तेरे कमाल की हद...

    तेरे कमाल की हद कब कोई बशर समझा;
    उसी क़दर उसे हैरत है, जिस क़दर समझा;

    कभी न बन्दे-क़बा खोल कर किया आराम;
    ग़रीबख़ाने को तुमने न अपना घर समझा;

    पयामे-वस्ल का मज़मूँ बहुत है पेचीदा;
    कई तरह इसी मतलब को नामाबर समझा;

    न खुल सका तेरी बातों का एक से मतलब;
    मगर समझने को अपनी-सी हर बशर समझा।
    ~ Shad Azeembadi
  • तेरे कमाल की हद

    तेरे कमाल की हद कब कोई बशर समझा;
    उसी क़दर उसे हैरत है, जिस क़दर समझा;

    कभी न बन्दे-क़बा खोल कर किया आराम;
    ग़रीबख़ाने को तुमने न अपना घर समझा;

    पयामे-वस्ल का मज़मूँ बहुत है पेचीदा;
    कई तरह इसी मतलब को नामाबर समझा;

    न खुल सका तेरी बातों का एक से मतलब;
    मगर समझने को अपनी-सी हर बशर समझा।
    ~ Shad Azeembadi
  • तमाम उम्र नमक-ख़्वार थे ज़मीं के हम;
    वफ़ा सरिश्त में थी हो रहे यहीं के हम।

    शब्दार्थ:
    सरिश्त = जन्मजात गुणवत्ता
    ~ Shad Azeembadi
  • ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है;
    तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है।
    ~ Shad Azeembadi
  • ख़मोशी से मुसीबत और भी संगीन होती है;
    तड़प ऐ दिल तड़पने से ज़रा तस्कीन होती है।
    ~ Shad Azeembadi
  • चमन में जा के हम ने ग़ौर से औराक़-ए-गुल देखे;
    तुम्हारे हुस्न की शरहें लिखी हैं इन रिसालों में।
    ~ Shad Azeembadi