इश्क Hindi Shayari

  • तेरे साथ का मतलब जो भी हो;<br/>
तेरे बाद का मतलब कुछ भी नहीं!
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    तेरे साथ का मतलब जो भी हो;
    तेरे बाद का मतलब कुछ भी नहीं!
  • पूरा दुःख और आधा चाँद हिजर की शब और ऐसा चाँद,<br/>
इतने घने बादल के पीछे कितना तनहा होगा चाँद;<br/>
मेरी करवट पर जाग उठे नींद का कितना कच्चा चाँद,<br/>
सेहरा सेहरा भटक रहा है अपने इश्क़ में सच्चा चाँद!
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    पूरा दुःख और आधा चाँद हिजर की शब और ऐसा चाँद,
    इतने घने बादल के पीछे कितना तनहा होगा चाँद;
    मेरी करवट पर जाग उठे नींद का कितना कच्चा चाँद,
    सेहरा सेहरा भटक रहा है अपने इश्क़ में सच्चा चाँद!
    ~ Parveen Shakir
  • एक मुट्ठी इश्क़ बिखेर दो इस ज़मीन पे;<br/>
बारिश का मौसम है शायद मोहब्बत पनप जाए।Upload to Facebook
    एक मुट्ठी इश्क़ बिखेर दो इस ज़मीन पे;
    बारिश का मौसम है शायद मोहब्बत पनप जाए।
  • एक मुट्ठी इश्क़ बिखेर दो इस ज़मीन पे;<br/>
बारिश का मौसम है शायद मोहब्बत पनप जाए।Upload to Facebook
    एक मुट्ठी इश्क़ बिखेर दो इस ज़मीन पे;
    बारिश का मौसम है शायद मोहब्बत पनप जाए।
  • शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है,<br/>
मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना है,<br/> 
पुकारा है तुझे मंजिल ने लेकिन मैं कहाँ जाऊं,<br/> 
बिछड़ कर तेरी दुनिया से कहाँ मेरा ठिकाना है।Upload to Facebook
    शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है,
    मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना है,
    पुकारा है तुझे मंजिल ने लेकिन मैं कहाँ जाऊं,
    बिछड़ कर तेरी दुनिया से कहाँ मेरा ठिकाना है।
  • ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से,<BR/>
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,<BR/> 
टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों,<BR/> 
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।Upload to Facebook
    ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से,
    इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
    टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों,
    किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।
  • तुम्हें क्या बताये इश्क़ में मिलता है दर्द क्या;<br/>
मरहम भी पिघल जाते हैं ज़ख्म की गहराई देखकर।Upload to Facebook
    तुम्हें क्या बताये इश्क़ में मिलता है दर्द क्या;
    मरहम भी पिघल जाते हैं ज़ख्म की गहराई देखकर।
  • तेरे हुस्न की तपिश, कहीं जला ना दे मुझे;<br/>
तू कर मोहब्बत मुझसे, ज़रा आहिस्ता आहिस्ता!
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    तेरे हुस्न की तपिश, कहीं जला ना दे मुझे;
    तू कर मोहब्बत मुझसे, ज़रा आहिस्ता आहिस्ता!
  • छुपकर मेरी नज़र से गुज़र जाईये मगर;<br/>
बचकर मेरे ख्याल से किधर जाईयेगा!Upload to Facebook
    छुपकर मेरी नज़र से गुज़र जाईये मगर;
    बचकर मेरे ख्याल से किधर जाईयेगा!
  • ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो;<br/>
ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है |Upload to Facebook
    ज़रूरी तो नहीं के शायरी वो ही करे जो इश्क में हो;
    ज़िन्दगी भी कुछ ज़ख्म बेमिसाल दिया करती है |