अश्क Hindi Shayari

  • इस कदर छलकते है आँसू पलकों पे छुपा नहीं सकता;<br />
मेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके दर पे जा नहीं सकता;<br />
न जाने किस की गलती थी कोई रूठ गया था मुझसे;<br />
आज उसे मनाने की ख्वाहिश है पर दिल मजबूर है इतना कि मना नहीं सकता।Upload to Facebook
    इस कदर छलकते है आँसू पलकों पे छुपा नहीं सकता;
    मेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके दर पे जा नहीं सकता;
    न जाने किस की गलती थी कोई रूठ गया था मुझसे;
    आज उसे मनाने की ख्वाहिश है पर दिल मजबूर है इतना कि मना नहीं सकता।
  • भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है;<br />
स्याही में थोड़ी सी, मेरे अश्कों की मिलावट है।Upload to Facebook
    भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है;
    स्याही में थोड़ी सी, मेरे अश्कों की मिलावट है।
    ~ Saurabh Srivastava
  • मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,<br/>
अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता;<br/>
मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे;<br/>
अब यूं इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।Upload to Facebook
    मेरी आंखों के आंसू कह रहे हैं मुझसे,
    अब दर्द इतना है कि सहा नहीं जाता;
    मत रोक पलको से खुल कर छलकने दे;
    अब यूं इन आँखों में थम कर रहा नहीं जाता।
  • क्या देते किसी को मुस्कुराहट, हम अपने अश्कों से ज़ार-ज़ार थे;<br/>
क्या देते किसी को ज़िंदगी का तोहफा, हम तो अपनी मौत से बेज़ार थे।Upload to Facebook
    क्या देते किसी को मुस्कुराहट, हम अपने अश्कों से ज़ार-ज़ार थे;
    क्या देते किसी को ज़िंदगी का तोहफा, हम तो अपनी मौत से बेज़ार थे।
  • सुकून अपने दिल का मैंने खो दिया;<br/>
खुद को तन्हाई के समंदर में डुबो दिया;<br/>
जो था मेरे कभी मुस्कुराने की वजह;<br/>
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया।Upload to Facebook
    सुकून अपने दिल का मैंने खो दिया;
    खुद को तन्हाई के समंदर में डुबो दिया;
    जो था मेरे कभी मुस्कुराने की वजह;
    आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया।
  • क्या मिला प्यार में अपनी ज़िंदगी के लिए;<br/>
रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए;<br/>
वो गैरों में खुशियां मनाते रहे;<br/>
और हमे अपनी ही हँसी के लिए तड़पाते रहे।Upload to Facebook
    क्या मिला प्यार में अपनी ज़िंदगी के लिए;
    रोज़ आँसू ही पिए हैं मैंने किसी के लिए;
    वो गैरों में खुशियां मनाते रहे;
    और हमे अपनी ही हँसी के लिए तड़पाते रहे।
  • कौन रोकेगा अब इन बहती हुई आँखों को;<br/>
क्योंकि रुलाना तो पुरानी आदत है ज़माने की;<br/>
एक ही शख्स था जो थाम लेता था हमको;<br/>
पर अब उसे भी आदत हो गयी है आज़माने की।Upload to Facebook
    कौन रोकेगा अब इन बहती हुई आँखों को;
    क्योंकि रुलाना तो पुरानी आदत है ज़माने की;
    एक ही शख्स था जो थाम लेता था हमको;
    पर अब उसे भी आदत हो गयी है आज़माने की।
  • मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं;<br/>
जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं;<br/>
जरुरी नहीं कि गम में ही आँसू निकलें;<br/>
मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं।Upload to Facebook
    मोहब्बत के भी कुछ अंदाज़ होते हैं;
    जागती आँखों के भी कुछ ख्वाब होते हैं;
    जरुरी नहीं कि गम में ही आँसू निकलें;
    मुस्कुराती आँखों में भी सैलाब होते हैं।
  • इस दिल ने अब प्यार करना छोड़ दिया;<br/>
जिस दिन से तुमने ये दिल तोड़ दिया;<br/>
अब तो रो भी नहीं सकते अपनी बेबसी पे;<br/>
इस लिए इन आँखों ने अब रोना भी छोड़ दिया।Upload to Facebook
    इस दिल ने अब प्यार करना छोड़ दिया;
    जिस दिन से तुमने ये दिल तोड़ दिया;
    अब तो रो भी नहीं सकते अपनी बेबसी पे;
    इस लिए इन आँखों ने अब रोना भी छोड़ दिया।
  • जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें;<br/>
आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें;<br/>
ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया;<br/>
वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।Upload to Facebook
    जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें;
    आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें;
    ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया;
    वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।