नजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होता; कहीं पे रुक जाना किसी का इंतज़ार नही होता; अरे प्यार तब तक नही होता, जब तक इजहार नही होता। |
तेरे हाथों में मुझे अपनी तक़दीर नज़र आती है; देखूं मैं जो भी चेहरा तेरी तस्वीर नजर आती है। |
मेरी शायरी की तो जान है तू; दिल में खुदा की पहचान है तू; बिन देखे सूरत तेरी, रहूँ मैं उदास; मेरे होंठों की सनम मुस्कान है तू। |
दिल ही दिल में हम तुमसे प्यार करते हैं; हम ऐसे हैं जो मोहब्बत में जाँ निसार करते हैं; निगाहें मिलाते हैं अक्सर लोगों से छुपाकर; जैसे किसी गुनाह को यारो गुनाहगार करते हैं। |
न जाने क्यों उससे प्यार करता हूँ मैं; न जाने क्यों उसपे जान निस्सार करता हूँ मैं; यह जानता हूँ वह देगा धोखा एक दिन; फिर भी जाने क्यों उसपे ऐतबार करता हूँ मैं। |
इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता; तो दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता; इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसा ली है; एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता। |
वो मोहब्बत के सौदे भी अजीब करता है; बस मुस्कुराता है और दिल खरीद लेता है। |
बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे; अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता। |
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम; प्यार में झलकता जाम हो तुम; सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी; इसीलिए मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम! |
रोज तेरा इंतजार होता है; रोज ये दिल बेक़रार होता है; काश के तुम समझ सकते; के चुप रहने वालों को भी प्यार होता है। |