दुनिया जिसे नींद कहती है; जाने वो क्या चीज होती है; आँखे तो हम भी बंद करते है; पर वो आपसे मिलने की तरकीब होती है। |
सजते दिल के तराने बहुत है; जिंदगी जीने के बहाने बहुत है; आप हमेशा मुस्कुराते रहो; आपकी मुस्कुराहट के दीवाने बहुत है। |
पूछो ना उस कागज़ से जिस पे; हम दिल के मुकाम लिखते है; तन्हाइयों में बीती बातें तमाम लिखते है; वो कलम भी दीवानी हो गई; जिस से हम आप का नाम लिखते है। |
हमें उनकी इबादत से फुर्सत नहीं मिलती; लोग ना जाने किसको खुदा कहते है; दिल में रखा हैं उनको फिर भी; जाने क्यों लोग हमें जुदा कहते है। |
हमे भुला कर तो देखो ; हर ख़ुशी तुमसे रूठ जाएगी; जब भी देखोगे आईने में सूरत अपनी; हमारी ही सूरत नज़र आएगी। |
वो मेरे सामने बैठे हुए हैं; मगर यह फ़ासला भी कम नहीं। |
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी; यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे! |
बात कह दी जाए जुबां से जरूरी तो नहीं; जिंदगी गुजरी है आधी पूरी तो नहीं; समझेंगे वो निगाहों से, मेरे दिल की दास्ताँ; दूर बैठे हैं दिलों में दूरी तो नहीं। |
नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं; दूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने! |
मुझे इस बात का गम नहीं कि बदल गया ज़माना; मेरी जिंदगी तो सिर्फ तुम हो, कहीं तुम ना बदल जाना। |