इज़हार Hindi Shayari

  • वो मोहब्बत के सौदे भी अजीब करता है;<br/>
बस मुस्कुराता है और दिल खरीद लेता है।Upload to Facebook
    वो मोहब्बत के सौदे भी अजीब करता है;
    बस मुस्कुराता है और दिल खरीद लेता है।
  • बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे;<br/>
अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन<br/>
कुछ अच्छा नहीं लगता।Upload to Facebook
    बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे;
    अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन
    कुछ अच्छा नहीं लगता।
  • ज़िंदगी को प्यार हम आपसे ज्यादा नहीं करते;
    किसी पे ऐतबार आपसे ज्यादा नहीं करते;
    आप जी सके मेरे बिन तो अच्छी बात है;
    हम जी लेंगे आपके बिन ये वादा नहीं करते।
  • बदला वफाओं का देंगे बहुत सादगी से हम;
    तुम हमसे रूठ जाओ और ज़िंदगी से हम।
  • कोई प्यार पाने की ज़िद्द में है;
    शायद कोई हमें आजमाने की ज़िद्द में है;
    हम जिसे याद करते हैं इतनी शिद्दत से;
    शायद वो हमें भुलाने की ज़िद्द में है।
  • फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम;<br/>
प्यार में झलकता जाम हो तुम;<br/>
सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी;<br/>
इसीलिए मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम!Upload to Facebook
    फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम;
    प्यार में झलकता जाम हो तुम;
    सीने में छुपाए फिरते हैं हम यादें तुम्हारी;
    इसीलिए मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम!
  • ​रोज तेरा इंतजार होता है;<br/>​रोज ये दिल बेक़रार होता है;​<br/>काश के तुम समझ सकते;​<br/>के चुप रहने वालों को भी प्यार होता है। ​Upload to Facebook
    ​रोज तेरा इंतजार होता है;
    ​रोज ये दिल बेक़रार होता है;​
    काश के तुम समझ सकते;​
    के चुप रहने वालों को भी प्यार होता है। ​
  • उन्हें चाहना हमारी कमज़ोरी है;<br/>
उनसे कह ना पाना हमारी मजबूरी है;<br/>
वो क्यूँ नहीं समझते हमारी खामोशी को;<br/>
क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।Upload to Facebook
    उन्हें चाहना हमारी कमज़ोरी है;
    उनसे कह ना पाना हमारी मजबूरी है;
    वो क्यूँ नहीं समझते हमारी खामोशी को;
    क्या प्यार का इज़हार करना ज़रूरी है।
  • अपनी आँखों के समुंदर में उतर जाने दे;<br/>
तेरा मुज़रिम हूँ, मुझे डूब के मर जाने दे;<br/>
ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको;<br/>
सोचता हूँ कहूँ तुझसे,मगर जाने दे!Upload to Facebook
    अपनी आँखों के समुंदर में उतर जाने दे;
    तेरा मुज़रिम हूँ, मुझे डूब के मर जाने दे;
    ज़ख़्म कितने तेरी चाहत से मिले हैं मुझको;
    सोचता हूँ कहूँ तुझसे,मगर जाने दे!
  • मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है;<br/>
जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ।Upload to Facebook
    मुझे उस जगह से भी मोहब्बत हो जाती है;
    जहाँ बैठ कर एक बार तुम्हें सोच लेता हूँ।