गिला शिकवा Hindi Shayari

  • तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,<br/>
मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।Upload to Facebook
    तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,
    मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।
  • धूप लगती थी गाँव में मगर चुभती नहीं थी;<br/>
ऐ शहर तेरी छांव ने भी पसीने निकाल दिए!Upload to Facebook
    धूप लगती थी गाँव में मगर चुभती नहीं थी;
    ऐ शहर तेरी छांव ने भी पसीने निकाल दिए!
  • मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै,<br/>
हमे क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के!Upload to Facebook
    मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै,
    हमे क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के!
  • किसको क्या मिले इसका कोई हिसाब नहीं;<br/>
तेरे पास रूह नहीं मेरे पास लिबास नहीं!Upload to Facebook
    किसको क्या मिले इसका कोई हिसाब नहीं;
    तेरे पास रूह नहीं मेरे पास लिबास नहीं!
  • उम्र भर मिलने नहीं देती हैं अब तो रंजिशें;<br/>
वक़्त हम से रूठ जाने की अदा तक ले गया!
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    उम्र भर मिलने नहीं देती हैं अब तो रंजिशें;
    वक़्त हम से रूठ जाने की अदा तक ले गया!
  • किसको बर्दाश्त है `साहब` तरक़्क़ी आजकल दूसरों की;<br/>
लोग तो अर्थी की भीड़ देखकर भी जल जाते है!
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    किसको बर्दाश्त है "साहब" तरक़्क़ी आजकल दूसरों की;
    लोग तो अर्थी की भीड़ देखकर भी जल जाते है!
  • अपनी यादों को मिटाना बहुत कठिन है,<br/>
अपने गम को भूल जाना बहुत कठिन है।<br/>
जब राहे-मयखानों पर चलते हैं कदम,<br/>
होश में लौट कर आना बहुत कठिन है।Upload to Facebook
    अपनी यादों को मिटाना बहुत कठिन है,
    अपने गम को भूल जाना बहुत कठिन है।
    जब राहे-मयखानों पर चलते हैं कदम,
    होश में लौट कर आना बहुत कठिन है।
  • मैं तो इस वास्ते चुप हूँ की तमाशा ना बने,<br/>
और तू समझता है मुझे तुझसे कोई गिला नहीं!Upload to Facebook
    मैं तो इस वास्ते चुप हूँ की तमाशा ना बने,
    और तू समझता है मुझे तुझसे कोई गिला नहीं!
  • शिकवे आँखों से गिर पड़े वरना;<br/>
होठों से शिकायत कब की हमने !Upload to Facebook
    शिकवे आँखों से गिर पड़े वरना;
    होठों से शिकायत कब की हमने !
  • समझ में नही आता की किस पर भरोसा करूँ;<br/>
यहाँ तो लोग नफरत भी मोहब्बत की तरह ही करते है!Upload to Facebook
    समझ में नही आता की किस पर भरोसा करूँ;
    यहाँ तो लोग नफरत भी मोहब्बत की तरह ही करते है!