गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>

दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
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    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी,<br/>
मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से!Upload to Facebook
    बेशक महसूस नहीं होती, तुम्हें नजदीकिया मेरी,
    मगर फिर भी मेरी आंखों ने, हर रोज तुम्हें छुआ हैं करीब से!
  • क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की;<br/>
यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए!Upload to Facebook
    क्यों कोशिश करते हो दिल-ए-नादान सबको खुश रखने की;
    यहा कुछ लोगों की नाराजगी भी जरुरी होती है चर्चे में बने रहने के लिए!
  • नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से;<br/>
तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके!Upload to Facebook
    नाकाम हुए हम दोनों बहुत ही बुरी तरह से;
    तुम हमें चाह ना सके और हम तुम्हें भूला ना सके!
  • जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`;<br/>
फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है!Upload to Facebook
    जलने और जलाने का बस इतना सा फलसफा है `साहिब`;
    फिक्र में होते है तो, खुद जलते हैं, बेफ़िक्र होते हैं तो दुनिया जलती है!
  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>
दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
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    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया,<br/>
तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा!Upload to Facebook
    अगर मुस्कुराहट के लिए ईश्वर का शुक्रिया नहीं किया,
    तो आँखों मे आये आँसुओं के लिये शिकायत का हक़ कैसा!
  • तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,<br/>
मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।Upload to Facebook
    तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको,
    मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है।
  • धूप लगती थी गाँव में मगर चुभती नहीं थी;<br/>
ऐ शहर तेरी छांव ने भी पसीने निकाल दिए!Upload to Facebook
    धूप लगती थी गाँव में मगर चुभती नहीं थी;
    ऐ शहर तेरी छांव ने भी पसीने निकाल दिए!
  • मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै,<br/>
हमे क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के!Upload to Facebook
    मिलता ही नही तुम्हारे जैसा कोई और इस शहर मै,
    हमे क्या मालूम था कि तुम एक हो और वो भी किसी और के!