दर्द Hindi Shayari

  • महफ़िल में गले मिल के, वो धीरे से कह गए;<br/>
ये दुनिया की रस्म है, इसे मोहब्बत न समझ लेना!
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    महफ़िल में गले मिल के, वो धीरे से कह गए;
    ये दुनिया की रस्म है, इसे मोहब्बत न समझ लेना!
  • गुमान था कि कोई दुश्मन जान नही ले सकता;<br/>
अपनों के वार का तो ख़याल तक ना था!Upload to Facebook
    गुमान था कि कोई दुश्मन जान नही ले सकता;
    अपनों के वार का तो ख़याल तक ना था!
  • लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं ज़ुबान' कभी कभी;<br/>
पता नहीं 'खामोशी मज़बूरी' हैं या 'समझदारी !Upload to Facebook
    लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं ज़ुबान' कभी कभी;
    पता नहीं 'खामोशी मज़बूरी' हैं या 'समझदारी !
  • दर्द सबके एक है, मगर हौंसले सबके अलग अलग है,<br/>
कोई हताश हो के बिखर गया तो कोई संघर्ष करके निखर गया!Upload to Facebook
    दर्द सबके एक है, मगर हौंसले सबके अलग अलग है,
    कोई हताश हो के बिखर गया तो कोई संघर्ष करके निखर गया!
  • अजनबी शहर मे किसी ने पीछे से पत्थर फेंका है;<br/>
जख्म कह रहा है जरुर इस शहर मे कोई अपना मौजूद है!
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    अजनबी शहर मे किसी ने पीछे से पत्थर फेंका है;
    जख्म कह रहा है जरुर इस शहर मे कोई अपना मौजूद है!
  • आज से हम भी बदलेंगे अंदाज-ऐ-ज़िंदगी,<br/>

राब्ता सबसे होगा, वास्ता किसी से नही।Upload to Facebook
    आज से हम भी बदलेंगे अंदाज-ऐ-ज़िंदगी,
    राब्ता सबसे होगा, वास्ता किसी से नही।
  • लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं, ज़ुबान कभी कभी;<br/>
पता नहीं 'खामोशी मज़बूरी हैं या समझदारी!Upload to Facebook
    लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं, ज़ुबान कभी कभी;
    पता नहीं 'खामोशी मज़बूरी हैं या समझदारी!
  • सिर्फ टूटे हुए लोग ही जानते है,<br/>
की टूटने का दर्द क्या होता है !
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    सिर्फ टूटे हुए लोग ही जानते है,
    की टूटने का दर्द क्या होता है !
  • दो चार लफ्ज़ प्यार के ले कर मैं क्या करूंगा;<br/>

करनी है तो वफ़ा की मुकम्मल किताब मेरे नाम कर !Upload to Facebook
    दो चार लफ्ज़ प्यार के ले कर मैं क्या करूंगा;
    करनी है तो वफ़ा की मुकम्मल किताब मेरे नाम कर !
  • लौटा जो सज़ा काट के, वो बिना ज़ुर्म की;<br/>
घर आ के उसने, सारे परिंदे रिहा कर दिए!Upload to Facebook
    लौटा जो सज़ा काट के, वो बिना ज़ुर्म की;
    घर आ के उसने, सारे परिंदे रिहा कर दिए!