दर्द Hindi Shayari

  • ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,<br/>
ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।Upload to Facebook
    ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,
    ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।
  • दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो,<br/>
हमको देख कर मुस्कुरा देते हैं वो,<br/>
हमसे तो सब पूछ लेते हैं,<br/> 
पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो|Upload to Facebook
    दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो,
    हमको देख कर मुस्कुरा देते हैं वो,
    हमसे तो सब पूछ लेते हैं,
    पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो|
  • आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम;<br/>
काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है!Upload to Facebook
    आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम;
    काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है!
  • आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम;<br/>
काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है!Upload to Facebook
    आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम;
    काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है!
  • हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया,<br/>
पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।
Upload to Facebook
    हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया,
    पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।
  • मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया,<br/>
उसका ये कहना, कहो कैसे आना हुआ।Upload to Facebook
    मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया,
    उसका ये कहना, कहो कैसे आना हुआ।
  • हमारे अहद की तहज़ीब में क़बा ही नहीं;<br/>
अगर क़बा हो तो बंद-ए-क़बा की बात करें!<br/><br/>
तहज़ीब: सभ्यता<br/>
क़बा: गाउन, चोंगा<br/>
बंद-ए-क़बा: कपड़े की गाँठUpload to Facebook
    हमारे अहद की तहज़ीब में क़बा ही नहीं;
    अगर क़बा हो तो बंद-ए-क़बा की बात करें!

    तहज़ीब: सभ्यता
    क़बा: गाउन, चोंगा
    बंद-ए-क़बा: कपड़े की गाँठ
    ~ Sahir Ludhianvi
  • रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल;<br/>
जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है!Upload to Facebook
    रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल;
    जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है!
    ~ Mirza Ghalib
  • दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई;<br/>
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया!Upload to Facebook
    दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई;
    लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया!
  • दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है;<br/>
ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया!Upload to Facebook
    दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है;
    ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया!