दर्द Hindi Shayari

  • ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है;<br/>
खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है!Upload to Facebook
    ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है;
    खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है!
  • किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसी है;<br/>
कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!Upload to Facebook
    किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसी है;
    कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा!
  • मेरे अकेलेपन का मजाक बनाने वालो जरा ये तो बताओ;<br/>
जिस भीड़ में तुम खडे हो उसमें कौन तुम्हारा है!Upload to Facebook
    मेरे अकेलेपन का मजाक बनाने वालो जरा ये तो बताओ;
    जिस भीड़ में तुम खडे हो उसमें कौन तुम्हारा है!
  • कहने की तलब नहीं कुछ बस;<br/>
तुम्हारे आस-पास होने की ख़्वाहिश है!  Upload to Facebook
    कहने की तलब नहीं कुछ बस;
    तुम्हारे आस-पास होने की ख़्वाहिश है!
  • किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है;<br/>
हमने हँसते हुए कहा, पता नहीं कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।    Upload to Facebook
    किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है;
    हमने हँसते हुए कहा, पता नहीं कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं।
  • ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ;<br/>
एक कबर नयी होगी एक जलता दिया होगा!Upload to Facebook
    ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ;
    एक कबर नयी होगी एक जलता दिया होगा!
  • शतरंज खेलते रहे वो हमसे कुछ इस कदर;<br/>
कभी उनका इश्क़ मात देता तो कभी उनके लफ्ज़!Upload to Facebook
    शतरंज खेलते रहे वो हमसे कुछ इस कदर;
    कभी उनका इश्क़ मात देता तो कभी उनके लफ्ज़!
  • तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार;<br/>
दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है!Upload to Facebook
    तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार;
    दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है!
  • और भी कर देता है दर्द में इज़ाफ़ा;<br/>
तेरे होते हुए गैरों का दिलासा देना!Upload to Facebook
    और भी कर देता है दर्द में इज़ाफ़ा;
    तेरे होते हुए गैरों का दिलासा देना!
  • समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया;<BR/>
इतने घुटने टेके हमने, आख़िर घुटना टूट गया;<BR/>

देख शिकारी तेरे कारण एक परिन्दा टूट गया;<BR/>

पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन शीशा टूट गया!Upload to Facebook
    समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया;
    इतने घुटने टेके हमने, आख़िर घुटना टूट गया;
    देख शिकारी तेरे कारण एक परिन्दा टूट गया;
    पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन शीशा टूट गया!