ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है; खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है! |
किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसी है; कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा! |
मेरे अकेलेपन का मजाक बनाने वालो जरा ये तो बताओ; जिस भीड़ में तुम खडे हो उसमें कौन तुम्हारा है! |
कहने की तलब नहीं कुछ बस; तुम्हारे आस-पास होने की ख़्वाहिश है! |
किसी ने यूँ ही पूछ लिया हमसे कि दर्द की कीमत क्या है; हमने हँसते हुए कहा, पता नहीं कुछ अपने मुफ्त में दे जाते हैं। |
ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ; एक कबर नयी होगी एक जलता दिया होगा! |
शतरंज खेलते रहे वो हमसे कुछ इस कदर; कभी उनका इश्क़ मात देता तो कभी उनके लफ्ज़! |
तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में एक बार; दर्द हो तो समझ लेना मोहब्बत अभी बाकी है! |
और भी कर देता है दर्द में इज़ाफ़ा; तेरे होते हुए गैरों का दिलासा देना! |
समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया; इतने घुटने टेके हमने, आख़िर घुटना टूट गया; देख शिकारी तेरे कारण एक परिन्दा टूट गया; पत्थर का तो कुछ नहीं बिगड़ा, लेकिन शीशा टूट गया! |