दोस्ती Hindi Shayari

  • इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िंदगी के दो जहान हैं;<br/>
इश्क़ मेरी रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है;<br/>
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िंदगी;<br/>
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।Upload to Facebook
    इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िंदगी के दो जहान हैं;
    इश्क़ मेरी रूह तो दोस्ती मेरा ईमान है;
    इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िंदगी;
    मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है।
  • होठों पर उल्फत के फ़साने नहीं आते;<br/>
जो बीत गए फिर वो दीवाने नहीं आते;<br/>
दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द;<br/>
कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।Upload to Facebook
    होठों पर उल्फत के फ़साने नहीं आते;
    जो बीत गए फिर वो दीवाने नहीं आते;
    दोस्त ही होते हैं दोस्तों के हमदर्द;
    कोई फ़रिश्ते यहाँ साथ निभाने नहीं आते।
  • एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जायेंगे;<br/>
रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आयेंगे;<br/>
जब साथ ना दे कोई तो आवाज़ हमे देना;<br/>
आसमान पर भी होंगे तो लौट आयेंगे।Upload to Facebook
    एहसास बहुत होगा जब छोड़ के जायेंगे;
    रोयेंगे बहुत मगर आँसू नहीं आयेंगे;
    जब साथ ना दे कोई तो आवाज़ हमे देना;
    आसमान पर भी होंगे तो लौट आयेंगे।
  • दाेस्ती, ना कभी इम्तिहान लेती है;<br/>
ना कभी इम्तिहान देती है;<br/>
दाेस्ती ताे वाे है, जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी;<br/>
आँसुओं काे पहचान लेती है।Upload to Facebook
    दाेस्ती, ना कभी इम्तिहान लेती है;
    ना कभी इम्तिहान देती है;
    दाेस्ती ताे वाे है, जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी;
    आँसुओं काे पहचान लेती है।
    ~ Harivansh Rai Bachhan
  • नब्ज़ मेरी देखी और बीमार लिख दिया;<br/>
रोग मेरा उसने दोस्तों का प्यार लिख दिया;<br/>
कर्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के;<br/>
जिसने दोस्तों का साथ लिख दिया।Upload to Facebook
    नब्ज़ मेरी देखी और बीमार लिख दिया;
    रोग मेरा उसने दोस्तों का प्यार लिख दिया;
    कर्ज़दार रहेंगे उम्र भर हम उस हकीम के;
    जिसने दोस्तों का साथ लिख दिया।
  • यहाँ कौन रोता है किसी के लिए सब अपनी ही किसी बात पर रोते हैं;<br/>
इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से बाक़ी सब तो मतलब के यार होते हैं।Upload to Facebook
    यहाँ कौन रोता है किसी के लिए सब अपनी ही किसी बात पर रोते हैं;
    इस दुनिया में मिलता है सच्चा साथी मुश्किल से बाक़ी सब तो मतलब के यार होते हैं।
  • गुनाह करके सजा से डरते हैं;<br/>
ज़हर पी कर दवा से डरते हैं;<br/>
दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं हमें;<br/>
हम तो दोस्तों के ख़फ़ा होने से डरते हैं।Upload to Facebook
    गुनाह करके सजा से डरते हैं;
    ज़हर पी कर दवा से डरते हैं;
    दुश्मनों के सितम का ख़ौफ़ नहीं हमें;
    हम तो दोस्तों के ख़फ़ा होने से डरते हैं।
  • दिल की बात दिल में दबाना ठीक नहीं,<br/>
हम तो मान चुके हैं दिल से दोस्त तुम्हें ये राज़ ज्यादा देर तक छुपाना ठीक नहीं।Upload to Facebook
    दिल की बात दिल में दबाना ठीक नहीं,
    हम तो मान चुके हैं दिल से दोस्त तुम्हें ये राज़ ज्यादा देर तक छुपाना ठीक नहीं।
  • ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;<br/> 
हमने खुद को खुशनसीब पाया;<br/>
तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;<br/>
खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।Upload to Facebook
    ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का;
    हमने खुद को खुशनसीब पाया;
    तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की;
    खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।
  • गुनाह करके सज़ा से डरते है;<br/>पी के ज़हर दवा से डरते हैं;<br/>दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको;<br/>हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते है।Upload to Facebook
    गुनाह करके सज़ा से डरते है;
    पी के ज़हर दवा से डरते हैं;
    दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमको;
    हम तो दोस्तों की बेवफाई से डरते है।