शिकायतें ना रख तू दिल में, जो पत्थर है वो कहाँ सुन पायेंगे; तू हवा की तरह बेफिक्र बहता चल, जो खुशबू होंगे वो तुझमें सिमटते जाएंगे! |
यह मेरी ज़ात की सब से बड़ी तमन्ना थी, काश, के वो मेरा होता, मेरे नाम की तरहँ! |
खरीद पाऊँ खुशियाँ उदास चेहरों के लिए; मेरे किरदार का मोल इतना करदे खुदा! |
अपनापन झलके जिसकी आँखों में; कुछ ही शख्स होते है लाखों में! |
कोई आदत, कोई बात, या सिर्फ मेरी खामोशी; कभी तो, कुछ तो, उसे भी याद आता होगा! |
तुझे बाँहों में भर लेने की ख़्वाहिश यूँ उभरती है; कि मैं अपनी नज़र में आप रुस्वा हो सा जाता हूँ। रुस्वा = बदनाम |
मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ; सोचता हूँ कि तुम्हें हाथ लगा कर देखूँ! |
बरसों बाद भी, तेरी ज़िद्द की आदत ना बदली; काश हम मोहब्बत नहीं, तेरी आदत होते! |
पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है; हँसने वालों को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है; ये तो बस वो ही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम; जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो! |
काश! मैं भी पानी का एक घूँट होता; तेरे होंठों से लगता और तेरी रग-रग में समा जाता! |