दर्द Hindi Shayari

  • कैसे एक लफ्ज़ में बयां कर दूँ;<br/>
दिल को किस बात ने उदास किया!Upload to Facebook
    कैसे एक लफ्ज़ में बयां कर दूँ;
    दिल को किस बात ने उदास किया!
  • गिरते हुऐ `अश्क` की `कीमत` `न` पूछना;<br/>
इश्क़` के हर बूंद में `लाखों` `सवाल` होते हैं!Upload to Facebook
    गिरते हुऐ "अश्क" की "कीमत" "न" पूछना;
    इश्क़" के हर बूंद में "लाखों" "सवाल" होते हैं!
  • शर्मिंदा होंगे, जाने भी दो इम्तिहान को;<br/>
रखेगा तुम को कौन अज़ीज़, अपनी जान से!
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    शर्मिंदा होंगे, जाने भी दो इम्तिहान को;
    रखेगा तुम को कौन अज़ीज़, अपनी जान से!
    ~ Mir Taqi Mir
  • इतना दर्द तो मुझे मरने से भी नही होगा;<br/>
जितना दर्द तुम्हारी खामोशी ने दिया है!Upload to Facebook
    इतना दर्द तो मुझे मरने से भी नही होगा;
    जितना दर्द तुम्हारी खामोशी ने दिया है!
  • हम तो फूलों की तरह, अपनी आदत से बेबस हैं;<br/>
तोडने वाले को भी, खुशबू की सजा देते हैं!Upload to Facebook
    हम तो फूलों की तरह, अपनी आदत से बेबस हैं;
    तोडने वाले को भी, खुशबू की सजा देते हैं!
  • बुलंदीयो को पाने कि ख्वाईश तो बहुत हे मेरी;<br/>
मगर ओरो को रोंदने का हुनर कहा से लाऊ!Upload to Facebook
    बुलंदीयो को पाने कि ख्वाईश तो बहुत हे मेरी;
    मगर ओरो को रोंदने का हुनर कहा से लाऊ!
  • इतने कहाँ मसरूफ हो गए हो आजकल;<br/>
की अब दिल दुखाने भी नहीं आते!Upload to Facebook
    इतने कहाँ मसरूफ हो गए हो आजकल;
    की अब दिल दुखाने भी नहीं आते!
  • एक उम्र से तराश रहा हूँ खुद को, कि हो जाऊं लोगो के मुताबिक;<br/>

पर हर रोज ये जमाना मुझमे, एक नया ऐब निकाल लेता है!Upload to Facebook
    एक उम्र से तराश रहा हूँ खुद को, कि हो जाऊं लोगो के मुताबिक;
    पर हर रोज ये जमाना मुझमे, एक नया ऐब निकाल लेता है!
  • जिंदगी जैसे जलानी थी वैसे जला दी हमने गालिब;<BR/>
अब धुएँ पर बहस कैसी और राख पर ऐतराज कैसा!
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    जिंदगी जैसे जलानी थी वैसे जला दी हमने गालिब;
    अब धुएँ पर बहस कैसी और राख पर ऐतराज कैसा!
  • सुना था लोगों से वक्त बदलता है;<br/>
आज वक्त ने बताया लोग बदलते हैं!
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    सुना था लोगों से वक्त बदलता है;
    आज वक्त ने बताया लोग बदलते हैं!