ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है, ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है। |
दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो, हमको देख कर मुस्कुरा देते हैं वो, हमसे तो सब पूछ लेते हैं, पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो| |
आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम; काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है! |
आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम; काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है! |
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया, पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया। |
मीलों का सफर पल में बर्बाद कर गया, उसका ये कहना, कहो कैसे आना हुआ। |
हमारे अहद की तहज़ीब में क़बा ही नहीं; अगर क़बा हो तो बंद-ए-क़बा की बात करें! तहज़ीब: सभ्यता क़बा: गाउन, चोंगा बंद-ए-क़बा: कपड़े की गाँठ |
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ाइल; जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है! |
दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई; लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया! |
दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है; ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया! |