दर्द Hindi Shayari

  • कितना कुछ जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में;<br/>
मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यों हो!Upload to Facebook
    कितना कुछ जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में;
    मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यों हो!
  • हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ;<br/>
तेरे हर दर्द को मैं अपना कहूँ;<br/>
सब कुछ क़ुर्बान है मेरे यार पर;<br/>
कौन है तेरे सिवा जिसे मैं अपना कहूँ!Upload to Facebook
    हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ;
    तेरे हर दर्द को मैं अपना कहूँ;
    सब कुछ क़ुर्बान है मेरे यार पर;
    कौन है तेरे सिवा जिसे मैं अपना कहूँ!
  • इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है;<br/>
लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर!Upload to Facebook
    इस दुनिया में अजनबी रहना ही ठीक है;
    लोग बहुत तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर!
  • ख़ाली नहीं रहा कभी आँखों का ये मकान,<br/>

सब अश्क़ बाहर गये तो उदासी ठहर गयी।Upload to Facebook
    ख़ाली नहीं रहा कभी आँखों का ये मकान,
    सब अश्क़ बाहर गये तो उदासी ठहर गयी।
  • आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की;<br/>
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो!Upload to Facebook
    आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की;
    ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो!
  • आया था एक शख्स मेरा दर्द बाँटने;<br/>
रुखसत हुआ तो अपना भी गम दे गया मुझे!Upload to Facebook
    आया था एक शख्स मेरा दर्द बाँटने;
    रुखसत हुआ तो अपना भी गम दे गया मुझे!
  • फिर कभी नहीं हो सकती मोहब्बत सुना तुमने;<br/>
वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी एक!Upload to Facebook
    फिर कभी नहीं हो सकती मोहब्बत सुना तुमने;
    वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी एक!
  • न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की;<br/>
अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की!Upload to Facebook
    न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की;
    अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की!
  • कुछ दिल में, कुछ कागजों पर किस्से आबाद रहे;<br/>
कैसे भूले उन्हें, जो हर धडकनों में याद रहे!  Upload to Facebook
    कुछ दिल में, कुछ कागजों पर किस्से आबाद रहे;
    कैसे भूले उन्हें, जो हर धडकनों में याद रहे!
  • कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था;<br/>
नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे!Upload to Facebook
    कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था;
    नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे!