बचा लिया मुझे तूफां की मौज ने वर्ना; किनारे वाले सफीना मेरा डुबो देते। अर्थ: सफीना - नाव |
गुलाब, ख्वाब, दवा, ज़हर, जाम क्या क्या हैं; मैं आ गया हूँ, बता इंतज़ाम क्या क्या हैं; फ़क़ीर, शाह, कलंदर, इमाम क्या क्या हैं; तुझे पता नहीं तेरा गुलाम क्या क्या है। |
गर जिंदगी में मिल गए फिर इत्तेफ़ाक़ से; पूछेंगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम। |
आह जो दिल से निकाली जाएगी; क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी। |
वह अफसाना जिसे अंजाम तक, लाना न हो मुमकिन; उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर, छोड़ना अच्छा। |
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में; तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में। |
वो बात बात पे देता है परिंदों की मिसाल; साफ़ साफ़ नहीं कहता मेरा शहर ही छोड़ दो। |
उन्हें सआदते-मंजिल-रसी नसीब क्या होगी; वह पाँव जो राहे-तलब में डगमगा न सके। अर्थ: 1. सआदते - प्रताप, तेज, इकबाल 2. रसी - मंजिल की प्राप्ति, मंजिल तक पहुंच 3. राहे-तलब - रास्ते की खोज |
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो;>br/> न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए। |
चलो माना तुम्हारी आदत है तडपाना; मगर जरा सोचो अगर कोई मर गया तो! |