बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;<br/>
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;<br/>
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;<br/>
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।Upload to Facebook
    हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है;
    हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है;
    तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा, हिज्र की रातों के संग;
    हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
  • तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;<br/>
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;<br/>
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;<br/>
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।Upload to Facebook
    तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना;
    कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे;
    तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर;
    कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
  • कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;<br/>
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;<br/>
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;<br/>
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।Upload to Facebook
    कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी;
    कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी;
    बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने;
    आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी।
  • शायद हम ही बेवफा थे कि झटके से उनके दिल से निकल गए;<br/>
उनकी वफा तो देखिये कि अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।Upload to Facebook
    शायद हम ही बेवफा थे कि झटके से उनके दिल से निकल गए;
    उनकी वफा तो देखिये कि अब तक दिल में घर किए बैठे हैं।
  • जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे;<br/>
ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं;<br/>
चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें;<br/>
मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।Upload to Facebook
    जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझे;
    ना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहीं;
    चाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलें;
    मगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं।
  • महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;<br/>
ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;<br/>
कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;<br/>
आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।Upload to Facebook
    महफ़िल में कुछ तो सुनाना पड़ता है;
    ग़म छुपा कर मुस्कुराना पड़ता है;
    कभी हम भी उनके अज़ीज़ थे;
    आज-कल ये भी उन्हें याद दिलाना पड़ता है।
  • ज़िंदगी से बस यही एक गिला है;<br/>
ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है;<br/>
हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के;<br/>
पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।Upload to Facebook
    ज़िंदगी से बस यही एक गिला है;
    ख़ुशी के बाद न जाने क्यों गम मिला है;
    हमने तो की थी वफ़ा उनसे जी भर के;
    पर नहीं जानते थे कि वफ़ा के बदले बेवफाई ही सिला है।
  • कभी करीब तो कभी जुदा था तू;<br/>
जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू;<br/>
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था;<br/>
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।Upload to Facebook
    कभी करीब तो कभी जुदा था तू;
    जाने किस-किस से ख़फ़ा है तू;
    मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीन था;
    पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
  • कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने;<br/>
बात तो सच है ये मगर बात है रुस्वाई की।Upload to Facebook
    कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने;
    बात तो सच है ये मगर बात है रुस्वाई की।
    ~ Parveen Shakir
  • मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा;<br/>
जिन्हें दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।Upload to Facebook
    मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा;
    जिन्हें दावा था वफ़ा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा।