Fani Badayuni Hindi Shayari

  • दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी;</br>
इंतेहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया!Upload to Facebook
    दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी;
    इंतेहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया!
    ~ Fani Badayuni
  • ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर;</br>
आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है!Upload to Facebook
    ना-उमीदी मौत से कहती है अपना काम कर;
    आस कहती है ठहर ख़त का जवाब आने को है!
    ~ Fani Badayuni
  • जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग़ से वाइज़;</br>
मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है!Upload to Facebook
    जवानी को बचा सकते तो हैं हर दाग़ से वाइज़;
    मगर ऐसी जवानी को जवानी कौन कहता है!
    ~ Fani Badayuni
  • ज़िक्र जब छिड़ गया क़यामत का;</br>
बात पहुँची तेरी जवानी तक!Upload to Facebook
    ज़िक्र जब छिड़ गया क़यामत का;
    बात पहुँची तेरी जवानी तक!
    ~ Fani Badayuni
  • तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम;<br/>
आया भी और गया भी ज़माना बहार का!Upload to Facebook
    तिनकों से खेलते ही रहे आशियाँ में हम;
    आया भी और गया भी ज़माना बहार का!
    ~ Fani Badayuni
  • इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को है;
    सब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को है।

    अनुवाद:
    इब्तिदा-ए-इश्क़ = इश्क़ की शुरुआत
    लुत्फ़-ए-शबाब = जवानी का मज़ा
    इज़्तिराब = बेचैनी
    ~ Fani Badayuni
  • आबादी भी देखी है, वीराने भी देखे हैं;
    जो उजड़े और फिर न बसे, दिल की निराली बस्ती है।
    ~ Fani Badayuni
  • राज़-ए-हक़ीकत जानने वाले देखिये अब क्या कहते हैं;<br />
दिल को अपना दिल नहीं कहते, उनकी तमन्ना कहते हैं।Upload to Facebook
    राज़-ए-हक़ीकत जानने वाले देखिये अब क्या कहते हैं;
    दिल को अपना दिल नहीं कहते, उनकी तमन्ना कहते हैं।
    ~ Fani Badayuni