अन्य Hindi Shayari

  • लफ़्ज़ का बस है तअ'ल्लुक़ मेरे तेरे दरमियाँ; <br/>
लफ़्ज़ के मअनी पे क़ाएम सारे रिश्तों का निशाँ! Upload to Facebook
    लफ़्ज़ का बस है तअ'ल्लुक़ मेरे तेरे दरमियाँ;
    लफ़्ज़ के मअनी पे क़ाएम सारे रिश्तों का निशाँ!
    ~ Faheem Aazmi
  • हम लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखते हैं,<br/>
बातें भूल भी जाएं, चाय पिलाना याद रखते हैं!Upload to Facebook
    हम लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखते हैं,
    बातें भूल भी जाएं, चाय पिलाना याद रखते हैं!
  • मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है;<br/>
पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है!Upload to Facebook
    मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है;
    पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है!
  • छोटी छोटी खुशियाँ ही तो जीने का सहारा बनती है;<br/>
ख्वाहिशों का क्या वो तो पल पल बदलती है!Upload to Facebook
    छोटी छोटी खुशियाँ ही तो जीने का सहारा बनती है;
    ख्वाहिशों का क्या वो तो पल पल बदलती है!
  • उनकी दुनिया में हम जैसे हज़ारों हैं;<br/>
हम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए!Upload to Facebook
    उनकी दुनिया में हम जैसे हज़ारों हैं;
    हम ही पागल है जो उसे पाकर मगरूर हो गए!
  • मुझसे मेरे गुनाहों का हिसाब ना मांग ऐ खुदा;<br/>
मेरी तक़दीर लिखने में कलम तेरी ही चली है!Upload to Facebook
    मुझसे मेरे गुनाहों का हिसाब ना मांग ऐ खुदा;
    मेरी तक़दीर लिखने में कलम तेरी ही चली है!
  • ज़िम्मेदारियां भी एक इम्तेहान होती है;<br/>
जो निभाता है न उसी को परेशान करती हैं!Upload to Facebook
    ज़िम्मेदारियां भी एक इम्तेहान होती है;
    जो निभाता है न उसी को परेशान करती हैं!
  • सही वक्त पर करवा देंगे हदों का एहसास;<br/>
कुछ तालाब खुद को समुद्र समझ बैठे हैं!Upload to Facebook
    सही वक्त पर करवा देंगे हदों का एहसास;
    कुछ तालाब खुद को समुद्र समझ बैठे हैं!
  • एक ऐसा समाज बनायें जहाँ लड़कियों को सुरक्षित महसूस करने के लिए अपने भाईयों की ज़रुरत न हो;<br/>
एक रिव्यात के तौर पे राखी बाँधने के लिए मर्द की कलाइयों की ज़रूरत न हो!Upload to Facebook
    एक ऐसा समाज बनायें जहाँ लड़कियों को सुरक्षित महसूस करने के लिए अपने भाईयों की ज़रुरत न हो;
    एक रिव्यात के तौर पे राखी बाँधने के लिए मर्द की कलाइयों की ज़रूरत न हो!
    ~ Ayushmann Khurrana
  • किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर;<br/>
'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर!Upload to Facebook
    किसी की गलतियों को बेनक़ाब ना कर;
    'ईश्वर' बैठा है, तू हिसाब ना कर!