मुझ में बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं; तुम अगर चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो! |
ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं; दिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं! |
हक़ीक़त हो तुम कैसे तुझे सपना कहूँ; तेरे हर दर्द को में अपना कहूँ; सब कुछ क़ुर्बान है मेरे प्यार पर; कौन है तेरे सिवा जिसे में अपना कहूँ! |
मिट्टी की बनी हूँ महक उठूंगी; बस तू इक बार बेइन्तहा 'बरस' के तो देख! |
हैं परेशानियाँ यूँ तो बहुत सी ज़िंदगी में; तेरी मोहब्बत सा मगर, कोई तंग नहीं करता! |
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी; बताओ ना तुम इश्क करते हो या इलाज करते हो! |
इश्क़ कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से; एक यही हैं जो अपनी बातों से पलटा नहीं करतीं! |
बंध जाये किसी से रूह का बंधन; तो इजहार ए मोहब्बत को अल्फ़ाज़ों की जरुरत नहीं होती! |
इतना शौंक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का; क़सम से रास्ता जाने का है आने का नहीं! |
एक बार उसने कहा था मेरे सिवा किसी से प्यार ना करना; बस फिर क्या था तब से मोहब्बत की नजर से हमने खुद को भी नहीं देखा! |