छीनकर हाथों से जाम वो इस अंदाज़ से बोली, कमी क्या है इन होठों में जो तुम शराब पीते हो। |
ये याद है तुम्हारी या यादों में तुम हो, ये ख्वाब हैं तुम्हारे या ख्वाबों में तुम हो, हम नहीं जानते हमें बस इतना बता दो, हम जान हैं तुम्हारी या हमारी जान तुम हो। |
इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतश ग़ालिब, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने। |
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो, मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो, दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात, मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो। |
अज़ीज़ इतना ही रखो कि जी संभल जाये, अब इस कदर भी ना चाहो कि दम निकल जाये। |
मुझको चाहते होंगे और भी बहुत लोग, मगर मुझे मोहब्बत सिर्फ अपनी मोहब्बत से है। |
दूर रह कर भी जो समाया है मेरी रूह में; पास वालों पर वो शख्स कितना असर रखता होगा। |
यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इन्तहा, कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से। |
कर दे इश्क़ में अपने मदहोश तरह कि, होश भी आने से पहले इज़ाज़त माँगे। |
मोहब्बत का कोई रंग नहीं फिर भी वो रंगीन है, प्यार का कोई चेहरा नहीं फिर भी वो हसीन है। |