होती अगर मोहब्बत बादल के साये की तरह; तो मै तेरे शहर मे कभी धूप ना आने देता। |
हर बार संभाल लूंगा गिरो तुम चाहो जितनी बार; बस एक ही इल्तिज़ा है कि मेरी नज़रों से ना गिरना तुम कभी। |
यूँ तो तमन्ना दिल में ना थी लेकिन; ना जाने तुझे देखकर क्यों आशिक बन बैठे। |
ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा; मैं जो कह दूँ आप पर मरता हूँ मैं। |
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं; अगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैं; माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का; आ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं। |
वो कहते हैं मुझसे कोई और बात करो; लाऊँ कहाँ से बात अब उनकी बात के सिवा। |
प्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैं; तुमसे क्या जुडा ज़िंदगी की तरह पूरी गजल बन गया। |
मेरी यादों में तुम हो, या मुझ में ही तुम हो; मेरे खयालों में तुम हो, या मेरा ख़याल ही तुम हो। |
सुना है प्यार में मुश्किल नहीं कुछ भी; चलो समंदर में आग लगा कर आज़माते हैं। |
ज़िंदा रहे तो हर दिन तुम्हें याद करते रहेंगे; भूल गए तो समझ लेना खुदा ने हमें याद कर लिया। |