अन्य Hindi Shayari

  • दिल की बेताबी नहीं ठहरने देती है मुझे;<br/>
दिन कहीं रात कहीं सुब्ह कहीं शाम कहीं!Upload to Facebook
    दिल की बेताबी नहीं ठहरने देती है मुझे;
    दिन कहीं रात कहीं सुब्ह कहीं शाम कहीं!
    ~ Nazeer Akbarabadi
  • हमारी तो तासीर ही यूँ है तावीजों की तरह;<br/>
जिसके भी गले मिलते हैं उसकी बरकत हो जाती है!Upload to Facebook
    हमारी तो तासीर ही यूँ है तावीजों की तरह;
    जिसके भी गले मिलते हैं उसकी बरकत हो जाती है!
  • सच के हक़ में खड़ा हुआ जाए;<br/>
जुर्म भी है, तो ये किया जाए; <br/>
हर मुसाफ़िर को ये शऊर कहाँ;<br/>
कब रुका जाए, कब चला जाए!Upload to Facebook
    सच के हक़ में खड़ा हुआ जाए;
    जुर्म भी है, तो ये किया जाए;
    हर मुसाफ़िर को ये शऊर कहाँ;
    कब रुका जाए, कब चला जाए!
  • रहने दे उधार इक मुलाकात यूँ ही;<br/>
सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते!Upload to Facebook
    रहने दे उधार इक मुलाकात यूँ ही;
    सुना है उधार वालों को लोग भुलाया नहीं करते!
  • सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,<br/>
उधर ही ले चलो कश्ती जहाँ तूफान आया है।Upload to Facebook
    सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है,
    उधर ही ले चलो कश्ती जहाँ तूफान आया है।
  • सच को तमीज़ ही नहीं बात करने की;<br/>
झूठ को देखो, कितना मीठा बोलता है।Upload to Facebook
    सच को तमीज़ ही नहीं बात करने की;
    झूठ को देखो, कितना मीठा बोलता है।
  • एक तेरी ज़िद्द ने हमें किस हाल में ला दिया,<br/>
जो जज़्बात सिर्फ़ तेरे लिए थे, उन्हें ज़माना पढ़ रहा है!Upload to Facebook
    एक तेरी ज़िद्द ने हमें किस हाल में ला दिया,
    जो जज़्बात सिर्फ़ तेरे लिए थे, उन्हें ज़माना पढ़ रहा है!
  • जहाँ कमरों में कैद हो जाती है `जिंदगी`,<br/>
लोग उसे `बड़ा शहर` कहते हैं!Upload to Facebook
    जहाँ कमरों में कैद हो जाती है "जिंदगी",
    लोग उसे "बड़ा शहर" कहते हैं!
  • वही ज़मीन है वही आसमान वही हम तुम;<br/>
सवाल यह है ज़माना बदल गया कैसे!Upload to Facebook
    वही ज़मीन है वही आसमान वही हम तुम;
    सवाल यह है ज़माना बदल गया कैसे!
  • वो शायद मतलब से मिलते है;<br/>
मुझे तो मिलने से मतलब है!Upload to Facebook
    वो शायद मतलब से मिलते है;
    मुझे तो मिलने से मतलब है!