इश्क Hindi Shayari

  • कोई जिस्म पर अटक गया कोई दिल पर अटक गया,<br/>
इश्क उसका ही मुकम्मल हुआ जो रूह तक पहुँच गया!Upload to Facebook
    कोई जिस्म पर अटक गया कोई दिल पर अटक गया,
    इश्क उसका ही मुकम्मल हुआ जो रूह तक पहुँच गया!
  • ना जन्नत में, ना ख्यालों में, ना ही किसी जमाने में;<br/>
सुकून दिल को मिलता है हमें तुमसे नजरें मिलाने में!Upload to Facebook
    ना जन्नत में, ना ख्यालों में, ना ही किसी जमाने में;
    सुकून दिल को मिलता है हमें तुमसे नजरें मिलाने में!
  • क़र्ज़ होता तो उतार भी देते,<br/>
कम्बख्त इश्क़ था चढ़ा रहा!Upload to Facebook
    क़र्ज़ होता तो उतार भी देते,
    कम्बख्त इश्क़ था चढ़ा रहा!
  • ये इश्क़ और मोहब्बत की रवायत भी अजीब है;<br/>
जिसको पाया नहीं उसको खोना भी नहीं चाहते!Upload to Facebook
    ये इश्क़ और मोहब्बत की रवायत भी अजीब है;
    जिसको पाया नहीं उसको खोना भी नहीं चाहते!
  • तुम स्नेह के सौदे भी अजीब करते हो,<br/>
बस जरा सा मुस्कुरा कर दिल खरीद लेते हो!Upload to Facebook
    तुम स्नेह के सौदे भी अजीब करते हो,
    बस जरा सा मुस्कुरा कर दिल खरीद लेते हो!
  • बीच का रास्ता नहीं होता है,<br/>
इश्क होता है या नहीं होता है!Upload to Facebook
    बीच का रास्ता नहीं होता है,
    इश्क होता है या नहीं होता है!
  • दूसरों को खास करने की चाह में;<br/>
अक्सर खुद को आम कर देता हूँ!Upload to Facebook
    दूसरों को खास करने की चाह में;
    अक्सर खुद को आम कर देता हूँ!
  • मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है;<br/>
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है! Upload to Facebook
    मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है;
    मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है!
    ~ Jaleel Manikpuri
  • आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें;<br/>
हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं!Upload to Facebook
    आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें;
    हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं!
    ~ Sahir Ludhianvi
  • कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे हैं,<br/>
कुछ लोग हम पर दिल हार बैठे हैं;<br/>
इश्क़ को आग का दरिया ही समझ लीजिये,<br/>
कुछ इस पार तो कुछ उस पार बैठे हैं!Upload to Facebook
    कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे हैं,
    कुछ लोग हम पर दिल हार बैठे हैं;
    इश्क़ को आग का दरिया ही समझ लीजिये,
    कुछ इस पार तो कुछ उस पार बैठे हैं!