दूसरों को खास करने की चाह में; अक्सर खुद को आम कर देता हूँ! |
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है; मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है! |
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें; हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं! |
कुछ लोग सितम करने को तैयार बैठे हैं, कुछ लोग हम पर दिल हार बैठे हैं; इश्क़ को आग का दरिया ही समझ लीजिये, कुछ इस पार तो कुछ उस पार बैठे हैं! |
अब वही करने लगे दीदार से आगे की बात; जो कभी कहते थे बस दीदार होना चाहिए! |
कुछ यूँ तुम इश्क़ का आगाज़ कर दो, नज़र आयें हम तो नज़र-अंदाज़ कर दो! |
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो, ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो; बहुत चोट लगती है मेरे दिल को, तुम ख्वाबों में आकर यूँ तडपाया ना करो! |
बदलते नहीं जज़्बात मेरे तारीखों की तरह; बेपनाह मोहब्बत पहले भी थी और आज भी है! |
हम वक़्त रोक लेंगे तुम्हारे लिए, तुम बेवक्त मिलना तो शुरू करो! |
ये मोहब्बत का शहर है ज़नाब, यहाँ सवेरा सूरज से नहीं किसी के दीदार से होता है! |