दिल की हसरत मेरी ज़ुबान पे आने लगी; तुमने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी; ये इश्क़ के इन्तहा थी या दीवानगी मेरी; हर सूरत में मुझे सूरत तेरी नज़र आने लगी। |
ऐ आशिक तू सोच तेरा क्या होगा; क्योंकि हशर की परवाह मैं नहीं करता; फनाह होना तो रिवायत है तेरी; इश्क़ नाम है मेरा मैं नहीं मरता। |
रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है ज़रा सोच कर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा। |
इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी; ढूंढ रहे थे हम जिन्हें आखिर उन से बात हो गयी; देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम; बस यूँ समझो दोस्तो वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी। |
तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे; तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे; तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे; तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे। |
जाने कहाँ थे और और चले थे कहाँ से हम; बेदार हो गए किसी ख्वाब-ए-गिराँ से हम; ऐ नौ-बहार-ए-नाज़ तेरी निकहतों की खैर; दामन झटक के निकले तेरे गुलसिताँ से हम। |
तुम को तो जान से प्यारा बना लिया; दिल को सुकून आँख का तारा का बना लिया; अब तुम साथ दो या ना दो तुम्हारी मर्ज़ी; हम ने तो तुम्हें ज़िन्दगी का सहारा बना लिया। |
लफ़्ज़ों में कैसे तारीफ करूँ, लफ़्ज़ों में आप कैसे समा पाओगे; जब भी पूछेंगे कभी लोग आपके बारे में, हमारी आँखों में देख कर वो सब जान जायेंगे। |
नसीब आज़माने के दिन आ रहे हैं; क़रीब उन के आने के दिन आ रहे हैं; जो दिल से कहा है जो दिल से सुना है; सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं। |
हर ख़ुशी से खूबसूरत तेरी शाम करूँ; अपना प्यार सिर्फ मैं तेरे नाम करूँ; मिल जाए अगर दोबारा ये ज़िंदगी; हर बार ये ज़िंदगी मैं तेरे नाम करूँ। |