मिल जाएंगे तुमको और भी चाहने वाले दुनिया में; मगर कर न पाएगा कोई मुकाबला मोहब्बत का मेरी! |
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो; सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो! |
नजर में आपकी नज़ारे रहेंगे हमेशा, पलकों पर चाँद सितारे रहेंगे; बदल जाये तो बदले ये ज़माना सारा, हम तो हमेशा आपके दीवाने रहेंगे! |
क़िताब-ए-दिल का कोई भी स़फा ख़ाली नहीं होता; चाहने वाले वहाँ भी हाल पढ़ लेते हैं, जहाँ कुछ लिखा नहीं होता! |
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी; फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी! |
तुम्हारा आगोश देता है सुकून-ए-इश्क़ मुझको; ज़िन्दगी भर अपनी बाहों में यूँ ही क़ैद रखना मुझे! |
मुद्दत के बाद आज उसे देख कर 'मुनीर'; इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया! |
इस कदर शुमार है दीदार-ए-तलब उनका; सौ बार भी मिल जाये... अधूरा लगता है! |
घायल कर के मुझे उसने पूछा, करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे; लहू-लहू था दिल मेरा मगर, होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा! |
उम्र का तकाज़ा है जो सर्दी-जुकाम रहता है; वरना फरवरी महीने में तो मुझे इश्क़ हुआ करता था! |