गिला शिकवा Hindi Shayari

  • बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे,<br/>
काश! कोई मुझे समझने वाला भी मिलता।Upload to Facebook
    बहुत शख्स मिले जो समझाते थे मुझे,
    काश! कोई मुझे समझने वाला भी मिलता।
  • अब इस सादा कहानी को नया एक मोड़ देना था,<br/>
ज़रा सी बात पर अहद-ए-वफ़ा ही तोड़ देना था,<br/>
महकता था बदन हर वक़्त जिस के लम्स-ए-खुशबू से,<br/>
वही गुलदस्ता दहलीज़-ए-खिजाँ पर छोड़ देना था।Upload to Facebook
    अब इस सादा कहानी को नया एक मोड़ देना था,
    ज़रा सी बात पर अहद-ए-वफ़ा ही तोड़ देना था,
    महकता था बदन हर वक़्त जिस के लम्स-ए-खुशबू से,
    वही गुलदस्ता दहलीज़-ए-खिजाँ पर छोड़ देना था।
    ~ Anjum Irfani
  • इस कश्मकश में उलझा है दिल आपका,<br/>
पढ़ लिया है सब कुछ मगर जवाब नहीं आया कोई।Upload to Facebook
    इस कश्मकश में उलझा है दिल आपका,
    पढ़ लिया है सब कुछ मगर जवाब नहीं आया कोई।
  • ये नज़र चुराने की आदत आज भी नहीं बदली उनकी,<br/>
कभी मेरे लिए ज़माने से और अब ज़माने के लिए हमसे।
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    ये नज़र चुराने की आदत आज भी नहीं बदली उनकी,
    कभी मेरे लिए ज़माने से और अब ज़माने के लिए हमसे।
  • इसी शहर में कई साल से मेरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं,<br/>
उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं।Upload to Facebook
    इसी शहर में कई साल से मेरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं,
    उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं।
    ~ Bashir Badr
  • अब जो रूठे तो हार जाओगे सनम,
    हम मनाने का हुनर भूल बैठे हैं।
  • मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात है,
    गुरूर में रहोगे तो रास्ते भी ना देख पाओगे।
  • शिकायत है उन्हें कि ,हमें मोहब्बत करना नहीं आता,<br/>
शिकवा तो इस दिल को भी है पर इसे शिकायत करना नहीं आता।Upload to Facebook
    शिकायत है उन्हें कि ,हमें मोहब्बत करना नहीं आता,
    शिकवा तो इस दिल को भी है पर इसे शिकायत करना नहीं आता।
  • लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता है,<br/>
कौन से शहर में होता है किधर होता है।Upload to Facebook
    लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता है,
    कौन से शहर में होता है किधर होता है।
    ~ ShaiKh Ghulam Hamdani MusHafi
  • बदल जाओ भले तुम मगर ये ज़ेहन में याद रखना,<br/>
कहीं पछतावा ना बन जाये हमसे बेरुखी इतनी।Upload to Facebook
    बदल जाओ भले तुम मगर ये ज़ेहन में याद रखना,
    कहीं पछतावा ना बन जाये हमसे बेरुखी इतनी।