ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • सर-ऐ-आम ​मुझे ​ये शिकायत है ज़िन्दगी से​;​
    क्यूँ मिलता नहीं मिजाज मेरा किसी से...​?​
  • ये चाहतें​, ये रौनकें​, पाबन्द है मेरे जीने तक​;​​​<br/>
बिना रूह के नहीं रखते​, घर वाले भी ज़िस्म को​। Upload to Facebook
    ये चाहतें​, ये रौनकें​, पाबन्द है मेरे जीने तक​;​​​
    बिना रूह के नहीं रखते​, घर वाले भी ज़िस्म को​।
  • ये ना पूछ कि शिकायतें कितनी है तुझसे​;​
    ए जिंदगी, सिर्फ ये बता कि तेरा कोई और​;​​
    ​ सितम बाकि तो नहीं है।​
  • ज़िंदगी को बेनियाजे आर्ज़ू करना पड़ा;
    आह किन आँखों से अंजामे तमन्ना देखते।
    ~ Sahir Ludhianvi
  • ​फुर्सत में करेंगे तुझसे हिसाब​-​ए​-​ज़िन्दगी​;<br/>
अभी तो उलझे है खुद को सुलझाने में​...​Upload to Facebook
    ​फुर्सत में करेंगे तुझसे हिसाब​-​ए​-​ज़िन्दगी​;
    अभी तो उलझे है खुद को सुलझाने में​...​
  • यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िंदगी;
    हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत ना मिली।
  • ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है, जिसमें;
    हर घड़ी, दर्द के पैबंद लगे जाते है।
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • ​बिना लिबास आए थे इस जहां में​;​
    बस एक कफ़न की खातिर​;​
    इतना सफ़र करना पड़ा​।
  • ज़िंदगी क्या किसी मुफ़लिस की क़बा है, जिसमें;
    हर घड़ी, दर्द के पैबंद लगे जाते हैं।
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;<br/>और हम शौहरत मांगते रह गये;<br/>जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;<br/>फिर जीने की मौहलत मांगते रह गये।Upload to Facebook
    रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;
    और हम शौहरत मांगते रह गये;
    जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;
    फिर जीने की मौहलत मांगते रह गये।
    ~ Lata Chaudhary