दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं; कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं! |
दिल के लिए हयात का पैगाम बन गयीं; बैचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गयीं! हयात = जिन्दगी, जीवन |
दिल गया रौनक़-ए-हयात गई; ग़म गया सारी क़ायनात गई! हयात = ज़िन्दगी |
रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए; दर्द फूलों की तरह महके अगर तू आए! |
दर्द-ओ-ग़म दिल की तबियत बन गए; अब यहाँ आराम ही आराम है! |
दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला कायर है ये, जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले शायर है ये। |
जरा तमीज़ से बटोरना बुझे दियों को दोस्तों, इन्होंने कल अमावस की अन्धेरी रात में हमें रौशनी दी थी; किसी और को जलाकर खुश होना अलग बात है, इन्होंने तो ख़ुद को जलाकर हमें ख़ुशी दी थी। |
ऐ मौत आ के हमको खामोश तो कर गयी तू; मगर सदियों दिलों के अंदर, हम गूंजते रहेंगे! |
यूँ तो ऐ ज़िंदगी तेरे सफर से शिकायतें बहुत थी; मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे तो कतारें बहुत थी। |
यह भी एक ज़माना देख लिया है हम ने; दर्द जो सुनाया अपना तो तालियां बज उठीं। |