दिल अब पहले सा मासूम नहीं रहा, पत्थर तो नहीं बना मगर अब मोम भी नहीं रहा। |
ख़ुशी तक्दीरों में होनी चाहिए, तस्वीरों में तो हर कोई खुश नज़र आता है। |
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड लिया, एक तसल्ली सी हो गयी कि चलो पहचानती तो है। |
मोहब्बत से, इनायत से, वफ़ा से चोट लगती है; बिखरता फूल हूँ, मुझको हवा से चोट लगती है; मेरी आँखों में आँसू की तरह इक रात आ जाओ, तकल्लुफ़ से, बनावट से, अदा से चोट लगती है। |
हँस कर कबूल क्या करलीं सजाएँ मैंने, ज़माने ने दस्तूर ही बना लिया, हर इलज़ाम मुझ पर लगाने का। |
मिला के खाक में मुझको वो इस अंदाज़ में बोले, मिट्टी का खिलौना था, कहाँ रखने के काबिल था। |
आसान नहीं है शायर बनना दोस्तो, शब्द जोड़ने से पहले दिल टूटना ज़रूरी है। |
मेरी हर आह को वाह मिली है यहाँ, कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है। |
इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद, जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद, मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी, वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद। |
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँ, पीछे जब भी मुड़ कर देखता हूँ तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है। |